लाल किले से मोदी का ऐलान: सुरक्षा, रोजगार और ‘डबल दिवाली’ से विकसित भारत का संकल्प
नई दिल्ली, 15 अगस्त — स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए विकास, आत्मनिर्भरता और एकता के नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। अपने लगभग 90 मिनट के भाषण में उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर आर्थिक सुधार, तकनीकी आत्मनिर्भरता से लेकर युवा सशक्तिकरण तक कई अहम घोषणाएँ कीं।
दृढ़ सुरक्षा रणनीतियाँ और आत्मरक्षा
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा, “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते”, जो सिंधु जल संधि और पाकिस्तान की नीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण संदेश माना जा रहा है। “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की भावना का परिणाम है और अब ‘परमाणु ब्लैकमेल’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तकनीकी आत्मनिर्भरता में बड़ा कदम
मोदी ने घोषणा की कि 2025 के अंत तक भारत का पहला “Made-in-India” सेमीकंडक्टर चिप बाज़ार में उपलब्ध होगा। इसके साथ ही उन्होंने “मिशन सुदर्शन चक्र” नामक रक्षा परियोजना की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य 2035 तक पूरे देश को सुरक्षा कवच से लैस करना है।
आर्थिक सुधार और ‘डबल दिवाली’ अभियान
आर्थिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री ने “नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधार” की घोषणा की, जिसे दिवाली तक लागू किया जाएगा। उन्होंने इसे “डबल दिवाली का तोहफा” बताते हुए कहा कि यह आम नागरिकों के टैक्स बोझ को कम करेगा।
युवा रोजगार के नए अवसर
प्रधानमंत्री ने “प्रधान मंत्री विकसित भारत रोजगार योजना” की शुरुआत की, जिसके तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले युवा को ₹15,000 की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
कृषि और ग्रामीण हितों की सुरक्षा
किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के लिए विशेष राहत की घोषणा करते हुए मोदी ने कहा कि अक्टूबर से जीएसटी में छूट दी जाएगी और नीतिगत निर्णयों में उनके हितों को प्राथमिकता दी जाएगी।
विविधता और सामाजिक सौहार्द पर बल
मोदी ने भाषाई और सांस्कृतिक विविधता पर गर्व करने का आग्रह किया और कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को याद करते हुए देश को विकसित भारत की ओर बढ़ना चाहिए।
प्रधानमंत्री का यह भाषण केवल औपचारिक संबोधन नहीं, बल्कि एक स्पष्ट रोडमैप था जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, तकनीकी आत्मनिर्भरता, आर्थिक सुधार, युवा सशक्तिकरण और सामाजिक एकता जैसे प्रमुख स्तंभ शामिल थे। इसने देश को आत्मनिर्भर, विकसित और सुरक्षित भारत की दिशा में आगे बढ़ने का मजबूत संदेश दिया।