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प्राइवेट स्कूलों को 7 दिन में पूरी करनी होगी बारकोड स्कैनिंग प्रक्रिया

रायपुर, 03 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में विद्यार्थियों को समय पर निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इस क्रम में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष राजा पाण्डेय ने जानकारी दी कि कक्षा पहली से दसवीं तक के सभी शासकीय विद्यार्थियों को मुफ्त पुस्तकें वितरित की जा रही हैं, और यह कार्य पूरी गंभीरता और पारदर्शिता से संपन्न किया जा रहा है।

बारकोड व्यवस्था से पारदर्शिता में वृद्धि

गत वर्ष सामने आई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रत्येक पुस्तक पर दो बारकोड लगाए गए हैं — एक प्रिंटर की पहचान हेतु तथा दूसरा संबंधित विद्यालय की पहचान के लिए। इससे वितरण व्यवस्था अधिक वैज्ञानिक और ट्रेस योग्य हो गई है।

2.41 करोड़ पुस्तकें मुद्रित और वितरित

इस वर्ष कुल 2 करोड़ 41 लाख किताबें मुद्रित की गईं, जिन्हें 17-18 जून 2025 तक राज्य के सभी डिपो में पहुंचा दिया गया।

  • कक्षा 9वीं और 10वीं की पुस्तकें पहले ही स्कूलों तक पहुंचाई जा चुकी हैं, और 90% बारकोड स्कैनिंग कार्य भी पूर्ण हो गया है।

  • आत्मानंद विद्यालयों में 60% पुस्तकों का वितरण हो चुका है, शेष वितरण शीघ्र पूर्ण किया जाएगा।

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प्राइवेट स्कूलों को बारकोड स्कैनिंग के बाद ही वितरण

इस बार प्राइवेट विद्यालयों को पुस्तकें बारकोड स्कैनिंग के बाद ही डिपो से दी जा रही हैं, जबकि पूर्व में यह कार्य जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से होता था। हालांकि, बीते तीन दिनों में डिपो में स्थान की कमी और स्कैनिंग तकनीक के अभाव से कुछ असुविधाएं सामने आईं।

मुख्यमंत्री का त्वरित निर्णय और निर्देश

जब मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय को इस स्थिति से अवगत कराया गया और यह जानकारी दी गई कि 1,100 से अधिक सरस्वती शिक्षा मंदिरों सहित कई प्राइवेट स्कूलों को पुस्तकें मिलनी हैं, तो उन्होंने शीघ्र निर्देश जारी किए कि:

  • सभी प्राइवेट विद्यालय जिलेवार डिपो से आवश्यक पुस्तकें प्राप्त करें।

  • 7 दिनों के भीतर अपने-अपने स्कूलों में बारकोड स्कैनिंग की प्रक्रिया पूर्ण करें।

अध्यक्ष ने की मुख्यमंत्री की प्रशंसा

इस निर्णय की सराहना करते हुए श्री पाण्डेय ने कहा कि यह मुख्यमंत्री जी की शिक्षा के प्रति संवेदनशीलता और तत्परता को दर्शाता है। इस पहल से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी छात्र किताब के अभाव में पीछे न रहे और सभी की पढ़ाई समय पर प्रारंभ हो सके।

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