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छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्रांति की नई शुरुआत: मुख्यमंत्री साय ने लॉन्च किया ‘वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0’

छत्तीसगढ़ तेजी से भारत के नए औद्योगिक इंजन के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने रायपुर में आयोजित ‘छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री डायलॉग-2’ के शुभारंभ अवसर पर राज्य को निवेश और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इस मौके पर उन्होंने वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 का औपचारिक शुभारंभ किया, जो उद्योगों को अनुमति देने की प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल, पारदर्शी और तेज बनाएगा।

मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ अब सिर्फ खनिजों या कोर सेक्टर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फार्मा, डिफेंस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे भविष्य के उद्योगों में अग्रणी बनने की तैयारी कर चुका है।

1.23 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 20 हजार से अधिक नौकरियाँ

राज्य सरकार को 11 प्रमुख कंपनियों से कुल ₹1,23,073 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे 20,627 युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने इन निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी देते हुए संबंधित कंपनियों को “इनविटेशन टू इन्वेस्ट” पत्र सौंपे।

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नवीन लॉजिस्टिक नीति और जन विश्वास विधेयक से मिलेगा उद्योगों को बल

सरकार द्वारा स्वीकृत छत्तीसगढ़ लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 को राज्य में लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है। इस नीति से ड्राई पोर्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो, और सस्ती भंडारण सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा, जिससे व्यापार और निर्यात को गति मिलेगी।

साथ ही, जन विश्वास विधेयक के तहत व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सरल और न्यायिक हस्तक्षेप रहित बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस विधेयक से व्यापारियों पर अनावश्यक कानूनी बोझ कम होगा और व्यवसाय करने की सुगमता बढ़ेगी।

नवा रायपुर बनेगा ‘सिलिकॉन वैली ऑफ छत्तीसगढ़’

मुख्यमंत्री ने बताया कि पॉलीमैटेक कंपनी को केवल तीन महीनों में ज़मीन आवंटित कर एनओसी जारी की गई, और कंपनी ने ₹1,143 करोड़ के सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। यहाँ हर साल 10 अरब चिप्स के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

बस्तर और सरगुजा – विकास की नई पहचान

कभी नक्सलवाद से जूझने वाले बस्तर और सरगुजा क्षेत्र अब औद्योगिक विकास की नई कहानी लिख रहे हैं। बस्तर टूरिज्म सर्किट, तीरथगढ़ ग्लास ब्रिज, और आदिवासी उद्यमियों के लिए विशेष रियायतें राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। कौशल विकास के माध्यम से 90,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 40,000 से अधिक को रोजगार मिल चुका है।

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अभूतपूर्व निवेश आकर्षण

राज्य ने पिछले डेढ़ वर्षों में 350 से अधिक संरचनात्मक सुधार लागू किए हैं, जिनसे ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में ऐतिहासिक सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में आयोजित निवेशक सम्मेलनों से ₹1.63 लाख करोड़ से अधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो राष्ट्रीय निवेश का 3.71% है।

अधोसंरचना और कनेक्टिविटी को मिल रहा विस्तार

रेल, जल और हवाई मार्ग से राज्य की कनेक्टिविटी को नई दिशा दी जा रही है। रावघाट से जगदलपुर, कोठागुडेम से किरंदुल, और खरसिया से परमालकसा तक रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है। संबलपुर से नवा रायपुर तक जल परिवहन सेवा और एयर कार्गो सुविधाएं भी प्रारंभ की जा चुकी हैं।

नई औद्योगिक नीति का लक्ष्य – 5 लाख रोजगार

सरकार ने अगले पाँच वर्षों में 5 लाख से अधिक नौकरियाँ सृजित करने का रोडमैप तैयार किया है। टेक्सटाइल, फार्मा, AI, डिफेंस और मेडिकल टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में विशेष अनुदान और नीति समर्थन उपलब्ध कराया जा रहा है।

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निवेशकों को न्योता

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि सरकार का फोकस उद्योगों के लिए सरल, पारदर्शी और तेज़ प्रक्रियाओं पर है। वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 से सभी आवश्यक स्वीकृतियाँ न्यूनतम समय में मिलेंगी, जिससे राज्य में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा।