जनता से सीधा संवाद: छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार 2025 का जोशीला आगाज़
रायपुर, 09 अप्रैल 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश में सुशासन और पारदर्शिता को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सुशासन तिहार-2025 का प्रदेशव्यापी शुभारंभ 8 अप्रैल से हो चुका है। यह महाअभियान तीन चरणों में 31 मई तक चलेगा।
आवेदन संग्रहण का प्रथम चरण
पहले चरण में 8 से 11 अप्रैल तक आम जनता से ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों के कार्यालयों में सीधे आवेदन लिए जा रहे हैं। समाधान पेटियों के माध्यम से लोग अपनी समस्याएं प्रशासन तक पहुँचा रहे हैं। अभियान के दूसरे दिन भी जनता में उत्साह देखने को मिला, और बड़ी संख्या में लोग आवेदन लेकर पहुंचे।
जिला स्तर पर सक्रियता
नारायपुर के देवगांव, गौरदंड, फरसगांव सहित कई ग्राम पंचायतों, सारंगढ़-बिलाईगढ़ के कोतमरा, कटेली, भोथली, तथा अंबिकापुर जिले के बतौली, सीतापुर, खड़गवां, कुनकुरी और सोनतराई ग्राम पंचायतों में नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई। कमिश्नर, कलेक्टर सहित अधिकारी मौके पर पहुँचकर व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं और लोगों को निर्भीक होकर आवेदन देने हेतु प्रोत्साहित कर रहे हैं।
ऑनलाइन व सीएससी माध्यम से भी आवेदन
ऑनलाइन पोर्टल और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से भी आवेदन देने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। समाधान पेटियां विकासखंड और जिला मुख्यालयों में भी लगाई गई हैं। आवेदन भरने में सहायता हेतु अधिकारी-कर्मचारी, संगवारी दीदी और दिव्यांग संगवारी भी तैनात किए गए हैं।
समस्याओं का त्वरित निराकरण सुनिश्चित
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि सुशासन तिहार 2025 का उद्देश्य जनसमस्याओं का त्वरित समाधान, प्रशासन में पारदर्शिता और जनता से सीधा संवाद है। सभी प्राप्त आवेदनों की प्रविष्टि सॉफ्टवेयर में कर संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा, तथा एक माह के भीतर निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
शिविरों में जनसंवाद और योजनाओं की जानकारी
अभियान के तीसरे चरण में प्रत्येक जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों में समाधान शिविर लगाए जाएंगे। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार शिविर होंगे, जिनमें आवेदनों की स्थिति से आमजन को अवगत कराया जाएगा और मौके पर ही त्वरित निराकरण का प्रयास होगा। साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी और हितग्राही योजनाओं के आवेदन फॉर्म भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी स्वयं शिविरों में उपस्थित रहकर आमजन से संवाद करेंगे और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। जनप्रतिनिधियों की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया गया है। शिविरों में चल रहे विकास कार्यों का औचक निरीक्षण कर उनकी गुणवत्ता और प्रगति का मूल्यांकन भी किया जाएगा।