दो दिवसीय ‘कहिनी अउ कविता प्रशिक्षण शिविर’ का शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां महंत घासीदास संग्रहालय के सभागृह में छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘कहिनी अउ कविता प्रशिक्षण शिविर’ का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने की। डॉ. सिंह ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के पिछले तीन साल के काम-काज पर आधारित पुस्तक ‘उपलब्धियों के तीन वर्ष’ का विमोचन भी किया।
मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह में डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है ताकि संसद में भी इस भाषा का इस्तेमाल कर छत्तीसगढ़ की जनभावना को अच्छी तरह से अभिव्यक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा में यहां शुरू से ही अच्छे साहित्य सृजन हुए हैं और हो भी रहे हैं। राजभाषा आयोग के जरिए इन साहित्यों को संकलित कर इनका प्रकाशन कराया जाएगा, ताकि आम जनता तक छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य सुगमतापूर्वक पहुंच सके। मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ी भाषा की अनेक ‘हानाओं’ (लोकोक्ति) का उल्लेख करते हुए उनकी सरल व्याख्या भी की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा की हानाएं मजबूत और गूढ़ अर्थ लिए होती हैं। उन्होनें इन हानाओं को भी संकलित करने और पुस्तक के रूप में प्रकाशित और प्रचारित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा माता कौसल्या की भी मातृभाषा रही है। यह भाषा आत्मीयता और मधुरता से परिपूर्ण है। डॉ. सिंह ने राजभाषा आयोग की नई टीम को बधाई देते हुए कहा कि सबके सहयोग से ही छत्तीसगढ़ी भाषा को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया जा सकता है।
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को प्रशासनिक काम-काज की भाषा बनाने के लिए अभी और मेहनत करना होगा। उन्होंने राजभाषा आयोग को इसके लिए सुझाव देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आयोग के माध्यम से यहां छत्तीसगढ़ी भाषा सीखाने के लिए ‘थरहा योजना’ शुरू की जाएगी। इस योजना के जरिए नये लोगों को सरल तरीके से छत्तीसगढ़ी भाषा सीखाया जाएगा। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि अगले वर्ष से विश्वविद्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा में डिप्लोमा पाठयक्रम शुरू किया जाएगा। राजभाषा आयोग के अध्यक्ष श्री दानेश्वर शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। शुभांरभ समारोह में आयोग के सदस्य श्री केदार सिंह परिहार और श्रीमती निर्मला तिवारी सहित अनेक साहित्यकार और प्रबुध्द नागरिक उपस्थित थे। संत कवि श्री पवन दीवान ने भी समारोह को संबोधित किया।