हाथी राजा बहुत बड़े, बाल कविता
हाथी राजा बहुत बड़े,
सूंड उठा कर कहाँ चले
मेरे घर तो आओ ना,
हलवा पूरी खाओ न
आओ बैठो कुर्सी पर,
कुर्सी बोली चर चर चर
पद्म सिंह
हाथी राजा बहुत बड़े,
सूंड उठा कर कहाँ चले
मेरे घर तो आओ ना,
हलवा पूरी खाओ न
आओ बैठो कुर्सी पर,
कुर्सी बोली चर चर चर
पद्म सिंह