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सहकारिता, पर्यटन और संस्कृति विभाग के लिए 276 करोड़ 72 लाख

विधानसभा में आज प्रदेश सरकार के सहकारिता, पर्यटन एवं संस्कृति विभागों की वर्ष 2017-18 के लिए 276 करोड़ 72 लाख 23 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गई। इनमें सहकारिता विभाग के लिए 166 करोड़ चार लाख 26 हजार रूपए, संस्कृति विभाग के लिए 42 करोड़ 45 लाख 97 हजार रूपए तथा पर्यटन विभाग के लिए 68 करोड़ 22 लाख रूपए की अनुदान मांगे शामिल हैं।
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री दयालदास बघेल ने अनुदान मांगों पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि राज्य में स्थानीय लोक कलाकारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की मांग पर लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। वर्ष 2015-16 में 990 और वर्ष 2016-17 में दो हजार 035 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों के द्वारा छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति का प्रचार-प्रसार एवं संरक्षण किया जा रहा है एवं स्थानीय कलाकारों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। वर्ष 2017-18 के समारोहों एवं उत्सवों के लिए पंद्रह करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। श्री बघेल ने बताया कि पिछले वर्ष 09 मार्च से 14 मार्च तक विश्व सांस्कृतिक महोत्सव नई दिल्ली में वहां 150 से अधिक देशों के कलाकारों ने भाग लिया था। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में राज्य के 1200 कलाकारों ने पंथी नृत्य में किया था। इस अवसर पर हमारे राज्य के कलाकारों ने दुनिया भर के लोगों को नृत्य से मंत्रमुग्ध कर दिया था और पूरे विश्व में पंथी नृत्य का प्रचार-प्रसार हुआ। श्री बघेल ने बताया कि पुरखौती मुक्तांगन में अब आमचो बस्तर की तरह सरगुजा एवं मैदानी क्षेत्र की कला संसकृति को प्रदर्शित किया जाएगा।
श्री दयालदास बघेल ने बताया कि राज्य के किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2002-03 में चार लाख 43 हजार किसानों को ऋण दिया गया था। वर्ष 2016-17 में 10 लाख किसानों को ऋण दिया गया है। वर्ष 2002-03 में चार लाख 50 हजार किसानों के पास क्रेडिट कार्ड थे जबकि वर्ष 2016-17 में 10 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए। अब इन सभी किसानों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं। अब तक तीन लाख 25 हजार से ज्यादा किसानों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड बांट दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश प्रदेश की सहकारी समितियों के स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं विधि सम्मत निर्वाचन कराने के लिए राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है।
श्री दयालदास बघेल ने कहा किसी राज्य का पर्यटन उस राज्य के सांस्कृतिक धरोहर, संस्कृति कला एवं प्राकृतिक सुन्दरता को दुनिया के सामने लाने का सरल माध्यम होता है। राज्य में पर्यटन स्थलों का चरणबद्ध योजना के द्वारा विकास किया जा रहा है। पर्यटन स्थलों के विकास के लिए केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत सौ करोड़ रूपए की ट्रायबल टूरिज्म सर्किट की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसमें जशपुर, कुनकुरी, मैनपाट, अम्बिकापुर, महेशपुर, रमनपुर, कुरदर, सरोदादादर, गंगरेल, कोंडागांव, नथिया-नवागांव, जगदलपुर, चित्रकोट एवं तीरथगढ़ के पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है। इसी प्रकार से रामायण सर्किट को विकसित करने के लिए शिवरीनारायण, राजिम एवं सिहावा को दण्डकारण्य सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय ने सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है।
देश-विदेश में प्रतिष्ठित पतंजलि योग संस्थान के माध्यम से राज्य के प्रमुख हिल स्टेशन मैनपाट एवं जशपुर जिले के पण्ड्रापाट में एक योग केन्द की स्थापना पी.पी.पी. मॉडल पर किए जाने का प्रस्ताव है। पतंजलि योग संस्थान द्वारा इसकी सहमति दी जा चुकी है

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