राजधानी के मेडिकल मार्केट और मोवा में लगभग 29 लाख प्रतिबंधित टेबलेट जब्त
रायपुर, 14 नवम्बर 2014/ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में गुणवत्तापूर्ण औषधियों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पतालों तथा मेडिकल दुकानों की सघन जांच का विशेष अभियान शुरू हो गया है। आज पहले दिन राज्य के कई जिलों में कलेक्टरों के मार्गदर्शन में अधिकारियों के अलग-अलग दल बनाकर छापामार शैली में सघन जांच की गई। जांच में रायपुर के महावर फार्मा में निर्मित अमानक स्तर की औषधियों को वापस लेकर सील करने की कार्रवाई की गई।सभी जिलों में कलेक्टरों ने जनता के नाम अपील जारी कर लोगों से इस कम्पनी की प्रतिबंधित दवाईयों का इस्तेमाल नहीं करने और दवा विक्रेताओं से इन दवाईयों की बिक्री नहीं करने की अपील की है।
राजधानी रायपुर के फरिश्ता काम्पलेक्स स्थित थोक मेडिकल मार्केट और मोवा की चार मेडिकल दुकानों में डिप्टी कलेक्टरों और ड्रग इंस्पेक्टरों के संयुक्त जांच दल ने आकस्मिक निरीक्षण कर महावर फार्मा रायपुर द्वारा निर्मित लगभग 29 लाख प्रतिबंधित टेबलेट जप्त किए। सुप्रीन के दो लाख 19 हजार, आईबोप्रोफेन के 52 हजार, नोरटिना टी. जेड के चार लाख 90 हजार, रिएक्टिव प्लस के नौ लाख चार हजार, क्लोरोक्विन के दस लाख 23 हजार टेबलेट भी इनमें शामिल हैं। कलेक्टर रायपुर ने आज स्थानीय औषधि विक्रेता संघ की बैठक लेकर मेडिकल दुकानदारों को राज्य सरकार के निर्देशों की जानकारी दी।
सरगुजा जिले के मुख्यालय अम्बिकापुर में स्थानीय औषधि विक्रेता संघ के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर को सौंपे गए प्रतिवेदन में जानकारी दी है कि वहां महावर फार्मा कम्पनी का कोई अधिकृत स्टॉकिस्ट नहीं है। प्रशासन के संयुक्त जांच दलों ने सरगुजा जिले के सभी तहसीलों के सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान महावर फार्मा की एक लाख से ज्यादा गोलियां वापस लेकर उन्हें सील कर दिया गया। इनमें से 95 हजार 200 टेबलेट शासकीय जिला अस्पताल अम्बिकापुर के औषधि भंडार से वापस लिए गए। राजनांदगांव जिले में भी आज सघन जांच अभियान चलाया गया, जिसमें जिले के सभी मेडिकल दुकानों तथा दवाईयों के थोक और चिल्हर विक्रेताओं के यहां आकस्मिक निरीक्षण में प्रशासनिक अधिकारियों ने महावर फार्मा रायपुर द्वारा निर्मित लगभग एक लाख 87 हजार टेबलेट जप्त कर लिए। धमतरी जिले में भी यह अभियान चलाया गया, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों, मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से इस कम्पनी के बीस हजार सेप्ट्रॉन टेबलेट वापस लेकर सील कर दिए गए। धमतरी शहर में भी जांच दलों ने मेडिकल स्टोर्स का आकस्मिक निरीक्षण किया और प्रतिबंधित दवाईयांे को जप्त कर लिया।
गरियाबंद के शासकीय जिला अस्पताल में इस कम्पनी के 9600 नग सिप्रोसिन 500 एम.जी. और आईबूब्रुफेन के 6500 टेबलेट वापस लेकर उन्हें सील कर दिया गया। सूरजपुर जिले में भी यह अभियान चलाया गया, जिसमें जिले के सरकारी अस्पतालों से लगभग दो लाख 59 हजार टेबलेट वापस लेकर उन्हें सील कर दिया गया। बालोद जिले में सघन अभियान के प्रथम दिवस पर आज सरकारी और निजी अस्पतालों तथा मेडिकल दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान महावर फार्मा द्वारा उत्पादित दवाई शासकीय चिकित्सालय डौण्डी में सिप्रोसिन 500 एम.जी. की 4200 नग टेबलेट, शासकीय चिकित्सालय डौण्डीलोहारा में सिप्रोसिन 500 एम.जी. की 5200 नग टेबलेट, शासकीय चिकित्सालय गुण्डरदेही मेें पैरासिटामॉल की 3810 नग टेबलेट, सिप्रोलोक्सिन की 2490 नग टेबलेट, मेट्रोनिडाजोल की 1570 नग टेबलेट, शासकीय चिकित्सालय गुरूर में पैरासिटामॉल की 5000 नग टेबलेट और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के स्टोर से सिप्रोसिन 500 एम.जी. की 23600 नग टेबलेट वापस लेकर सील कर दिए गए। डौण्डी में सुभाष मेडिकल स्टोर से डायसरेस टी (डायक्लोपैरा) की 18600 नग टेबलेट, गुरूर में मेसर्स मॉ मेडिकल स्टोर से निमोपैरा की 135 नग टेबलेट, डायक्लोपैरा की 610 नग टेबलेट, पैरासिटामॉल लुज की 3100 नग टेबलेट, पैरासिटामॉल स्ट्रिप की 500 नग टेबलेट, रेनिटिडिन की 43 नग टेबलेट और मेसर्स जयश्री मेडिकल स्टोर ग्राम भरदा से डायक्लोपैरा की 450 नग टेबलेट सील किए गए।
दुर्ग जिले में जांच अभियान के तहत प्रशासन द्वारा 30 छापामार दलों का गठन किया गया है। इन दलों में शामिल अधिकारियों ने आज सरकारी अस्पतालों, निजी क्षेत्र के अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया। इस दौरान जिला चिकित्सालय में 20030 सिप्रोसीन टेबलेट वापस लिए गए। सरस्वती मेडिकल स्टोर्स जीवन रेखा परिसर से 5800 सिप्रोसीन टेबलेट और जैन मेडिकल स्टोर्स जीवन रेखा परिसर से 480 मेट्रोडाइजेन टेबलेट सील कर दिए गए। एसीसी जामुल की मेडिकल दुकान से 1000 सिप्रोसीन टेबलेट जप्त कर लिए गए।
महासमुन्द जिले में भी सघन जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान दुकानों में सिप्रोफाक्सेसिन एवं अन्य दवाईयों की जांच की। जिले के विकासखण्ड मुख्यालय पिथौरा के बंसल मेडिकल स्टोर्स, गर्ग मेडिकल स्टोर्स, प्रीत मेडिकल स्टोर्स एवं शिव मेडिकल स्टोर्स में सात दवाईयां महावर फार्मा की पाई गई, जिन्हें सील कर दिया गया। जिले के अन्य विकासखंडों में इस फार्मा की कोई भी औषधि जांच के दौरान नहीं पाई गई। जांजगीर-चाम्पा जिले से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार वहां जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त जांच दल बनाकर अभियान चलाया गया। अभियान के तहत जिला 5600 नग पैरासिटामॉल और 4300 नग क्लोट्रीमेक्साजोले वापस लेकर सील कर दिया गया। इसी प्रकार विकासखण्ड अकलतरा में 6600 नग पैरासिटामॉल, पामगढ़ में 4300 नग क्लोट्रीमेक्साजोल, मालखरौदा विकासखण्ड में 8400 नग पैरासिटामॉल, डभरा में 150 नग स्प्रिोलाक्सिन और 4000 नग पैरासिटामॉल जप्त कर सील कर दिया गया है। बस्तर (जगदलपुर) जिले में प्रशासन द्वारा आम जनता के नाम जारी अपील में कहा गया है कि दवाईयों को लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत अथवा सूचना जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मोबाइल नम्बर 94242-83130 एवं औषधि निरीक्षक के मोबाईल नम्बर 78692-57656 पर दी जा सकती है।