गृह निर्माण मंडल ने सौ स्कूलों में बच्चों के लिए शौचालय निर्माण की जिम्मेदारी ली
रायपुर, 18 अगस्त 2014/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम दिए गए अपने प्रथम संदेश में जिस स्वच्छ भारत निर्माण के लिए देशवासियों का आव्हान किया गया है, उस पर छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देशों के अनुरूप अमल शुरू किया जा रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने राज्य के एक सौ सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए पक्के शौचालय बनवाने का निर्णय लिया है।
गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री एन. बैजेन्द्र कुमार ने अपने अधिकारियों को इन शौचालयों का निर्माण मंडल की कार्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सी.एस.आर.) की राशि से करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सिलसिले में मंडल के अधिकारियों से कहा है कि वे इसके लिए जल्द से जल्द स्कूलों को चिन्हांकित करें और कार्य योजना प्रस्तुत करें, जिसमें विशेष आवश्यकता वाले क्षेत्रों और बालिका विद्यालयों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। गृह निर्माण मंडल के आयुक्त श्री संजय शुक्ला ने आज यहां बताया कि मंडल के अध्यक्ष श्री एन. बैजेन्द्र कुमार के निर्देश पर मंडल द्वारा प्रदेश के एक सौ स्कूलों में शौचालयों के निर्माण की योजना बनाई गयी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए किसी विशेष आवश्यकता वाले जिले का चयन कर वहां स्कूलों का क्लस्टर बनाकर उनमें शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। इन शौचालयों का रख-रखाव भी गृह निर्माण मंडल द्वारा ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य में बालिका विद्यालयों को प्राथमिकता दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दो दिन पहले यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संदेश में घोषित प्राथमिकताओं पर तत्परता से अमल शुरू करने के निर्देश दिए थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने प्रथम स्वतंत्रता दिवस संदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर आगामी दो अक्टूबर से देश में स्वच्छ भारत अभियान शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने इस कार्य में कार्पोरेट सेक्टर को भी जोड़ने की जरूरत पर बल दिया है और कहा है कि इस सेक्टर के उद्यमी अपनी कार्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत स्कूलों में भी टॉयलेट निर्माण को प्राथमिकता दें और राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक साल के भीतर-भीतर यह कार्य पूर्ण कर लिया जाए, ताकि जब हम अगले साल 15 अगस्त को ध्वजारोहण के लिए खड़े हों तब इस विश्वास के साथ खडे़ हो कि हिन्दुस्तान का कोई स्कूल ऐसा नहीं है, जहां बालक-बालिकाओं के लिए अलग टॉयलेट का निर्माण होना बाकी है।