जानिए कांगेर घाटी की गुफ़ाएँ पर्यटकों के लिए क्यों और कब तक के लिए बंद की गई
राज्य सरकार के निर्देश पर वन विभाग ने बस्तर जिले के प्रसिद्ध कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत समस्त गुफाओं को इस महीने की 15 तारीख से बंद करवा दिया है।
ये गुफाएं पर्यटकों के लिए 31 अक्टूबर 2018 तक बंद रहेंगी। मानसून की बारिश शुरू होने के बाद इन गुफाओं को जन-जीवन की सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के जगदलपुर स्थित निदेशक से प्राप्त जानकारी के अनुसार तीरथगढ़ जलप्रपात पर्यटकों के लिए नियमित रूप से खुला रहेगा।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में कांगेर घाटी इकलौता वर्षा वन है। नदी नालों से भरपूर कांगेर घाटी की पहचान कांगेर नदी है, इस इलाके में मनुष्यो का दखल न्युनतम है।
जानकारों के अनुसार कांगेर शब्द की रचना गोंडी भाषा के कांग एवं एर्र शब्द युग्म से हुई है, कांग का अर्थ पवित्र एवं एर्र का अर्थ पानी होता है। यह पवित्र जल वाली घाटी बहुत ही सुंदर है।