बार अभ्यारण्य के विस्थापितों को मिली नई बसाहट
रायपुर, 07 जुलाई 2014/ राज्य सरकार की आदर्श पुनर्वास नीति के तहत छत्तीसगढ़ के बारनवापारा अभ्यारण्य क्षेत्र के बाईस वन ग्रामों को नई, सुविधाजनक और सुव्यवस्थित बसाहट देने की कार्ययोजना पर तेजी से अमल किया जा रहा है। इस कार्य योजना के तहत हाल ही में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के बारनवापारा अभ्यारण्य क्षेत्र के दशकों पुराने गांव नवापारा के 168 परिवारों को महासमुन्द जिले में स्थित ग्राम भावा में एक आदर्श पुनर्वास ग्राम बनाकर बसाया गया है, जहां उन्होंने नये मकानों में नया जीवन शुरू किया है। इसे मिलाकर अब महासमुन्द जिले में पड़ोस के जिले के इस अभ्यारण्य क्षेत्र से शिफ़्ट कर बसाए गए आदर्श पुनर्वास गांवों की संख्या तीन हो गई है।
पुनर्वास योजना के प्रथम चरण में दो साल पहले रामपुर को शिफ़्ट कर बिजेमाल ग्राम पंचायत के पास ‘श्रीरामपुर’ नामक नयी बसाहट दी जा चुकी है। इसी तरह अभ्यारण्य के वन ग्राम लाटादादर के परिवारों को पिथौरा विकासखण्ड के चैनडिपा में सुव्यवस्थित पुनर्वास ग्राम बनाकर बसाया गया है। आदर्श पुनर्वास योजना को मिली सफलता का ताजा उदाहरण ग्राम भावा में देखा जा सकता है, जहां बसाए गए प्रत्येक परिवार को पांच हजार वर्गफुट की आवासीय भूमि और पांच-पांच एकड़ कृषि भूमि दी गई है। उन्हें आवंटित आवासीय भूमि में उनके लिए 850 वर्ग फुट के भू-खण्ड में पक्का मकान भी बनाकर दिया गया है। हर मकान के साथ ग्रामीणों को पशु पालन आदि से संबंधित कार्यों के लिए और घर की बाड़ी में साग-सब्जी उगाने के लिए भी पर्याप्त जगह मिली है। प्रत्येक मकान में पक्के शौचालय की भी सुविधा दी गई है। गांव में पर्याप्त चौड़ी सीमेंट कांक्रीट सड़कों का निर्माण किया गया है। सौर ऊर्जा प्रणाली से बिजली की व्यवस्था की गई है। यह गांव महासमुन्द विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पटेवा से चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर है। चार हैण्डपम्प और दो नलकूपों के जरिए पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। बच्चों के खेल मैदान के लिए बीच बस्ती में दो हेक्टेयर का रकबा भी आरक्षित कर दिया गया है। इसके अलावा नई बसाहट में आए ग्रामीणों के लिए सामुदायिक भवन, माता देवालय और उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए प्राथमिक शाला भवन का भी निर्माण किया जा चुका है। मुक्तिधाम भी बनवाया गया है। आदर्श पुनर्वास गांवों में बसाए गए प्रत्येक परिवार को दस लाख रूपए के पुनर्वास पैकेज का लाभ दिया गया हैै इसमें 25 प्रतिशत राशि उनके मकानों के निर्माण, 35 प्रतिशत राशि कृषि भूमि के अधिग्रहण और निर्माण पर तथा 20 प्रतिशत राशि बसाहट में सड़क और सार्वजनिक सुविधाओं के विकास पर खर्च की गयी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश के अभ्यारण्य क्षेत्रों के निवासियों के लिए आदर्श पुनर्वास योजना के तहत नई बसाहटे दी जा रही हैं। लगभग दो वर्ष पहले 19 जून 2012 को मुख्यमंत्री ने महासमुन्द जिले में ही ग्राम पंचायत बिजेमाल के नजदीक निर्मित पुनर्वास ग्राम ’श्रीरामपुर’ का लोकार्पण किया था, जहां बारनवापारा अभ्यारण्य क्षेत्र के ही रामपुर नामक वनग्राम के 135 परिवारों को पक्के मकानों के साथ खेती किसानी के लिए दो-दो हेक्टेयर जमीन भी दी गई है। मुख्यमंत्री ने इस नई बसाहट के लोकार्पण के साथ वहां के परिवारों को मकानों की चाबी सौंपी थी। आदर्श पुनर्वास ग्राम श्रीरामपुर की बसाहट की कार्य योजना को अभ्यारण्य क्षेत्र के गांवों में अच्छी लोकप्रियता मिली है। श्रीरामपुर की नई बसाहट की कार्य येाजना भी ग्रामीणों की सहमति से तैयार की गई थी। उन्हें बारनवापारा अभ्यारण्य क्षेत्र से इधर महासमुन्द जिले के बिजेमाल पंचायत क्षेत्र में लाने का प्रस्ताव दिया गया तो उन्होंने प्रसन्नता के साथ अपनी सहमति प्रदान कर दी। उन्हें 310 हेक्टेयर वन भूमि को व्यपवर्तित कर बिजेमाल पंचायत के नजदीक बसाया गया। उनकी नई बस्ती में उचित मूल्य दुकान, चौड़ी सीमेंट कांक्रीट सड़कों के साथ दो हेक्टेयर का तालाब, बच्चों के लिए प्राथमिक और मिडिल स्कूल भवन, आंगनबाड़ी का भी निर्माण किया गया।