सरकारी कर्मचारियों के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य

रायपुर, 22 अगस्त 2014/ राज्य सरकार ने अपने सभी विभागों के कर्मचारियों को दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट अनिवार्य रूप से पहनने के निर्देश दिए हैं। परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एन.के.असवाल ने इस बारे में शासन के सभी विभागों को परिपत्र जारी किया है। इसमें संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों से कहा गया है कि वे अपने अधीनस्थ कार्यालयों के समस्त कर्मचारियों को यह निर्देश जारी करें कि दोपहिया चलाते समय उन्हें अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनना होगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने दोपहिया वाहन चालकों और उनके साथ पीछे बैठने वाले के जीवन की सुरक्षा के लिए हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया है। केवल पगड़ी पहनने वाले सिक्खों, महिलाओं और बारह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हेलमेट पहनने की अनिवार्यता से छूट दी गयी है।
गृह और परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री असवाल ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों, अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों और जिला परिवहन अधिकारियों को यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से इस आशय का परिपत्र पहले ही जारी कर दिया था। उन्होंने माह जून 2014 को जारी परिपत्र में अधिकारियों से कहा है कि मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 129 में दोपहिया वाहन चालकों और उनके साथ पीछे बैठे सवार के लिए हेलमेट पहनने का अनिवार्य प्रावधान किया गया है, लेकिन ऐसे व्यक्ति जो सिक्ख हों और सार्वजनिक स्थल पर दोपहिया वाहन चलाते समय या उस पर सवारी करते समय पगड़ी पहने हुए हों, उन्हें हेलमेट की अनिवार्यता से छूट दी गयी है। इसी तरह छत्तीसगढ़ मोटर यान नियम 1994 के नियम 213 के तहत राज्य शासन द्वारा महिला या ऐसे बालक जिसकी आयु बारह वर्ष से अधिक नहीं हैं, उन्हें हेलमेट की अनिवार्यता से छूट दी गयी है।
अपर मुख्य सचिव ने परिपत्र में संबंधित अधिकारियों से कहा है कि वे अपने मातहत चेकिंग अधिकारियों के माध्यम से सभी दोपहिया वाहन चालकों और उनमें पीछे बैठने वाले व्यक्तियों को हेलमेट पहनने के लिए प्रोत्साहित करें और एक सप्ताह तक समझाइश दें। इस बारे में समाचार पत्रों और इलेक्ट्रानिक मीडिया के सहयोग से व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। इसके बाद हेलमेट का उपयोग नहीं करने वालों पर नियमानुसार दण्डात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। परिपत्र में संबंधित अधिकारियों को दुर्घटना जनित मौतों पर नियंत्रण के लिए इसे एक अभियान के रूप में संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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