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लाख की खेती से पूरा हुआ लखपति बनने का सपना

रायपुर, 04 जनवरी 2018/छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के चारामा विकासखण्ड के तिरकादण्ड गांव के किसान श्री पुरूषोत्तम मंडावी के लखपति बनने के सपने को लाख की खेती ने पूरा किया है। तीन वर्ष पूर्व तक अपनी पांच एकड़ पैतृक भूमि पर परंपरागत रूप से धान की खेती कर प्रति वर्ष 60 से 70 हजार रूपये की आमदनी लेने वाले श्री मंडावी कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर के मार्गदर्शन में लाख की खेती कर आज प्रति वर्ष पांच लाख रूपये से अधिक की आय प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने अपनी नवाचारी सोच, हौसले और जज़्बे से लखपति बनने के सपने को साकार कर दिखाया है। कृषि के क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा श्री मंडावी को कृषक समृद्धि सम्मान 2017 से सम्मानित किया गया है।

तिरकादण्ड के युवा किसान श्री पुरूषोत्तम मंडावी ने कुछ वर्ष पहले अपनी पांच एकड़ पैतृक जमीन पर धान की परंपरागत विधि से खेती करना शुरू किया। खेत पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध ना होने के कारण वे साल में केवल एक ही फसल ले पाते थे जिससे उन्हें लगभग 70 हजार रूपये की आय होती थी। उनके श्रम और समय की लागत के हिसाब से यह खेती फायदे का सौदा नहीं थी। कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर के संपर्क में आने के बाद श्री मंडावी अपने खेतों में लाख उत्पादन के लिए प्रेरित हुए। उन्होंने वर्ष 2015-16 में प्रायोगिक तौर पर एक एकड़ क्षेत्र में सेमियालता के पौधे लगाकर उन पर लाख के कीडे़ पाल कर लाख उत्पादन शुरू किया। पहले वर्ष में पांच क्विंटल लाख का उत्पादन हुआ, जिससे उन्हें एक लाख रूपये की आमदनी हुई। शेष चार एकड़ खेत में धान की फसल से लगभग 60 हजार रूपये की आय प्राप्त हुई। लाख उत्पादन की सफलता से प्रेरित हो कर उन्होंने वर्ष 2016-17 में चार एकड़ क्षेत्र में सेमियालता के पौधे लगाकर लाख उत्पादन किया और केवल एक एकड़ क्षेत्र में धान की फसल ली। इस वर्ष 26 क्विंटल लाख उत्पादन हुआ जिससे उन्हें पांच लाख 20 हजार रूपये आय हुई जबकि धान की फसल से 20 हजार रूपये की आमदनी हुई। इस प्रकार लाख की खेती अपनाने से श्री मंडावी की आय में 6 से 7 गुना इजाफा हुआ। लाख की खेती ने श्री मंडावी की जिंदगी ही बदल दी। आज वे क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।

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