जेपीसी ने वक्फ संशोधन विधेयक के14 संशोधनों को दी मंजूरी
नई दिल्ली: संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 में 14 संशोधनों को मंजूरी दे दी है। ये सभी संशोधन सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित थे। वहीं, विपक्षी सांसदों द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी 44 संशोधनों को समिति ने अस्वीकार कर दिया।
वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव करते हुए संशोधन के तहत वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम और कम से कम दो महिला सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है तथा नए प्रावधानों के अनुसार, केंद्रीय वक्फ परिषद में एक केंद्रीय मंत्री, तीन सांसद, दो पूर्व न्यायाधीश, चार राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व्यक्ति और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होंगे, जिनमें से किसी का भी मुस्लिम होना आवश्यक नहीं है। वक्फ संपत्तियों पर दावों में संशोधन के अनुसार, वक्फ परिषद अब भूमि पर दावा नहीं कर सकेगी।
विपक्षी सांसदों ने समिति की कार्यवाही की आलोचना करते हुए अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर पक्षपात का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “यह एक दिखावटी बैठक थी। हमें सुना तक नहीं गया। पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है।” हालांकि, पाल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत के जरिए ही फैसला लिया गया।
प्रस्तावित संशोधनों पर 29 जनवरी को मतदान होगा और अंतिम रिपोर्ट 31 जनवरी तक संसद में प्रस्तुत की जाएगी। समिति को मूल रूप से 29 नवंबर तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था, लेकिन इस समय सीमा को बजट सत्र के अंतिम दिन 13 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है।
इन संशोधनों के माध्यम से वक्फ बोर्डों के प्रशासन में पारदर्शिता और समावेशिता बढ़ाने का प्रयास किया गया है। हालांकि, विपक्ष का मानना है कि ये बदलाव अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन कर सकते हैं। आगामी संसद सत्र में इस पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है।