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ट्रंप ने टैरिफ नीति में किया बड़ा बदलाव: चीन पर 125% टैरिफ, भारत से आयात पर केवल 10% टैरिफ

वाशिंगटन, 9 अप्रैल 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अपनी बहुप्रतीक्षित टैरिफ नीति में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की, जिसने वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने चीन पर तत्काल प्रभाव से 125% टैरिफ लागू करने का ऐलान किया, जबकि अन्य देशों के लिए पारस्परिक टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया और इस दौरान सभी देशों पर 10% का आधारभूत टैरिफ लागू करने का निर्णय लिया। यह घोषणा आज सुबह व्हाइट हाउस के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल और ट्रंप के ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए की गई।

चीन पर सख्ती, 125% टैरिफ तुरंत लागू

ट्रंप ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यह बढ़ा हुआ टैरिफ “चीन द्वारा अमेरिका के साथ लंबे समय से किए जा रहे आर्थिक शोषण का जवाब” है। हाल ही में चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था, जिसे ट्रंप ने “अनुचित व्यापारिक व्यवहार” करार दिया। इसके जवाब में अब चीन से आयात होने वाली सभी वस्तुओं पर 125% टैरिफ तत्काल प्रभाव से लागू होगा। ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “चीन ने हमारे खिलाफ ऊंचे टैरिफ लगाकर हमें लूटा है, लेकिन अब यह खेल खत्म हुआ। यह अमेरिकी उद्योगों और श्रमिकों के लिए एक नई शुरुआत है।”

इस कदम से अमेरिका में चीनी उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होने की संभावना है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े और खिलौनों जैसे क्षेत्रों में। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे दोनों देशों के बीच चल रहा टैरिफ युद्ध और तेज हो सकता है, जिसका असर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर भी पड़ेगा।

बाकी देशों को राहत, 90 दिन की मोहलत

चीन को छोड़कर बाकी देशों के लिए ट्रंप ने अपनी मूल योजना में नरमी दिखाई है। पहले घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ, जिसमें हर देश पर उसके द्वारा अमेरिका पर लगाए गए टैरिफ के बराबर शुल्क लगाया जाना था, को अब 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है। इस दौरान सभी देशों पर एक समान 10% टैरिफ लागू होगा। ट्रंप ने इस फैसले का कारण बताते हुए कहा, “75 से अधिक देशों ने हमारे साथ व्यापारिक बातचीत शुरू करने के लिए संपर्क किया है। हम उन्हें मौका दे रहे हैं कि वे अपने व्यवहार को सुधारें और अमेरिका के साथ निष्पक्ष व्यापार करें।”

इस बदलाव का स्वागत अमेरिकी शेयर बाजार ने भी किया। घोषणा के बाद डाउ जोन्स और नैस्डैक जैसे प्रमुख सूचकांकों में तेजी देखी गई, क्योंकि निवेशकों को उम्मीद है कि यह कदम वैश्विक व्यापार युद्ध को कुछ समय के लिए टाल सकता है।

भारत पर क्या होगा असर?

भारत, जो अमेरिका का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है, पर भी इस नीति का असर पड़ेगा। पहले भारत पर 26% टैरिफ की बात थी, लेकिन अब अगले 90 दिनों तक भारत से आयात पर केवल 10% टैरिफ लागू होगा। इससे भारतीय निर्यातकों, खासकर फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा और कृषि क्षेत्रों को राहत मिलेगी। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर 90 दिनों के बाद रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होता है, तो भारत को अपनी व्यापार नीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

ट्रंप का दावा: अमेरिका को होगा फायदा

ट्रंप ने अपने संदेश में दावा किया कि उनकी टैरिफ नीति से अमेरिका को “अरबों डॉलर” की कमाई होगी और यह अमेरिकी उद्योगों को फिर से मजबूत करेगी। उन्होंने कहा, “तेल, ब्याज दरें और खाद्य कीमतें घटी हैं, महंगाई नियंत्रण में है। टैरिफ के जरिए हम अमेरिका को फिर से महान बना रहे हैं।” हालांकि, अर्थशास्त्रियों का एक वर्ग इससे असहमत है और चेतावनी दे रहा है कि लंबे समय तक ऊंचे टैरिफ से अमेरिकी उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई कीमतों का बोझ उठाना पड़ सकता है।

वैश्विक प्रतिक्रिया

चीन ने अभी तक इस नए टैरिफ की औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि वह जवाबी कार्रवाई कर सकता है। दूसरी ओर, कनाडा, मैक्सिको और यूरोपीय संघ जैसे व्यापारिक साझेदारों ने 90 दिन की मोहलत का स्वागत किया है और बातचीत के लिए तैयार दिख रहे हैं।

ट्रंप का यह नया टैरिफ प्लान एक ओर चीन के खिलाफ उनकी सख्त नीति को दर्शाता है, तो दूसरी ओर बाकी दुनिया को बातचीत का मौका देकर व्यापार युद्ध को सीमित करने की कोशिश भी दिखाता है। अगले 90 दिन वैश्विक व्यापार के लिए निर्णायक साबित होंगे, क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कितने देश अमेरिका के साथ अपनी व्यापार नीतियों को संतुलित कर पाते हैं। फिलहाल, यह बदलाव अमेरिका और विश्व अर्थव्यवस्था के लिए एक नई दिशा की ओर इशारा कर रहा है।

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