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अबकी बार ट्रम्प सरकार, कमला हारिस

डोनाल्ड ट्रम्प ने 2024 का राष्ट्रपति चुनाव जीता, जिसमें उन्होंने महत्वपूर्ण स्विंग राज्यों में बढ़त बनाई। पेनसिल्वेनिया, जॉर्जिया, और मिशिगन जैसे राज्यों में ट्रम्प ने बढ़त हासिल की, जिससे उन्हें 270 से अधिक इलेक्टोरल वोट मिले। कमला हैरिस कई प्रमुख राज्यों में चुनाव हार गईं, जिनमें विस्कॉन्सिन और एरिजोना शामिल हैं। इन परिणामों के बाद, ट्रम्प को अमेरिकी सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में भी रिपब्लिकन का समर्थन मिलने की संभावना है, जो उनकी प्रशासनिक नीतियों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।

2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में, कमला हैरिस को लगभग 64 मिलियन पॉपुलर वोट प्राप्त हुए, लेकिन उन्हें 270 इलेक्टोरल वोट की आवश्यकता को पूरा करने में सफलता नहीं मिली। ट्रम्प ने निर्णायक स्विंग राज्यों में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की, जिसके चलते वह राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए। हैरिस ने कई महत्वपूर्ण राज्यों में संघर्ष किया, परन्तु पर्याप्त इलेक्टोरल वोट प्राप्त नहीं कर पाईं, और इस प्रकार चुनाव परिणाम ट्रम्प के पक्ष में चला गया।

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2024 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प ने लगभग 70 मिलियन लोकप्रिय वोट प्राप्त किए और निर्णायक इलेक्टोरल कॉलेज वोट जीतकर राष्ट्रपति बने। उन्होंने महत्वपूर्ण स्विंग राज्यों, जैसे पेनसिल्वेनिया और जॉर्जिया, में जीत दर्ज की, जिससे उनके पक्ष में निर्णायक बढ़त बनी। वहीं, कमला हैरिस को लगभग 64 मिलियन लोकप्रिय वोट मिले, लेकिन वह इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत हासिल नहीं कर पाईं, जिससे उनका चुनावी सफर समाप्त हो गया। इस जीत के साथ, ट्रम्प ने एक बार फिर राष्ट्रपति पद पर वापसी की है।

डोनाल्ड ट्रम्प की विजय का भारत-अमेरिका संबंधों पर मिश्रित प्रभाव हो सकता है, जिसमें कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक पहलू होंगे। रक्षा सहयोग: ट्रम्प की पिछली नीतियों ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत किया है। उनके कार्यकाल में रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ने की संभावना है। रणनीतिक संबंध: चीन को नियंत्रित करने के लिए ट्रम्प की भारत को समर्थन की नीति दोनों देशों के लिए लाभदायक हो सकती है।

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नकारात्मक प्रभाव यह है कि ट्रम्प का कठोर आव्रजन रुख भारतीय पेशेवरों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है, विशेषकर H-1B वीजा धारकों के लिए। व्यापारिक तनाव: ट्रम्प की “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत, भारत पर व्यापारिक शुल्क या आयात शुल्क बढ़ाए जा सकते हैं, जिससे आर्थिक संबंधों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। कुल मिलाकर, ट्रम्प की विदेश नीति का भारत-अमेरिका संबंधों पर गहरा प्रभाव हो सकता है, जो दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा में ले जा सकता है।