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ट्रंप-शी शिखर वार्ता के बाद अमेरिका-चीन में नज़दीकी, मलेशिया में अमेरिकी युद्ध मंत्री पीट हेगसेथ की चीनी समकक्ष से मुलाक़ात

कुआलालंपुर / वाशिंगटन — अमेरिका और चीन के बीच संबंधों में नरमी के संकेत देते हुए अमेरिकी युद्ध मंत्री पीट हेगसेथ ने रविवार को बताया कि उन्होंने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मलेशिया में मुलाकात की है। दोनों नेताओं ने सैन्य स्तर पर संवाद बढ़ाने, स्थिरता बनाए रखने और किसी भी संभावित विवाद को कम करने के लिए “मिलिट्री-टू-मिलिट्री चैनल” स्थापित करने पर सहमति जताई।

हेगसेथ ने कहा कि यह बातचीत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में 30 अक्टूबर को हुई ऐतिहासिक ‘G2 बैठक’ के बाद हुई है। उन्होंने कहा कि “ट्रंप-शी बैठक ने अमेरिका और चीन के बीच स्थायी शांति और सहयोग का नया दौर शुरू किया है।”

मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हाल ही में आयोजित 12वें आसियान रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन (ADMM-Plus) के दौरान हेगसेथ और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका-भारत के बीच 10 वर्षीय ‘मेजर डिफेंस पार्टनरशिप फ्रेमवर्क’ पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते को दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की नई दिशा के रूप में देखा जा रहा है, खासकर उस समय जब व्यापारिक समझौते और रूसी तेल आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध जैसे मुद्दों पर चर्चा जारी है।

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हेगसेथ ने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा,

“मैंने राष्ट्रपति ट्रंप से बात की, और हम दोनों सहमत हैं कि अमेरिका-चीन संबंध पहले से कहीं बेहतर हैं। राष्ट्रपति ट्रंप की शी जिनपिंग से हुई ऐतिहासिक बैठक के बाद मेरी एडमिरल डोंग जून से बहुत सकारात्मक चर्चा हुई। हम दोनों मानते हैं कि शांति, स्थिरता और आपसी सम्मान ही हमारे महान देशों के लिए सही मार्ग हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि “वॉर डिपार्टमेंट ‘शक्ति के माध्यम से शांति’ की नीति पर आगे बढ़ेगा। हमने आपसी संवाद के लिए सैन्य चैनल स्थापित करने और किसी भी तनाव की स्थिति में डि-कॉन्फ्लिक्शन पर सहमति बनाई है।”

राष्ट्रपति ट्रंप ने भी ट्रुथ सोशल पर लिखा,

“मेरी G2 बैठक चीन के राष्ट्रपति शी के साथ अत्यंत सफल रही। यह मुलाकात हमारे दोनों देशों के लिए स्थायी शांति और सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगी। ईश्वर अमेरिका और चीन दोनों को आशीर्वाद दें!”

विश्लेषकों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन का यह रुख इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति में संभावित बदलाव का संकेत हो सकता है। अब तक अमेरिका जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मिलकर क्वाड (Quad) के तहत चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की कोशिश करता रहा है।

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नई दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत फिलहाल अमेरिका-चीन के इस नए रक्षा संवाद को लेकर “तुरंत कोई निष्कर्ष” नहीं निकालेगा और उसके पीछे के उद्देश्य को समझना चाहेगा। भारत को उम्मीद है कि यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए रचनात्मक साबित हो सकता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के साथ हुए 10 वर्षीय रक्षा फ्रेमवर्क को “रणनीतिक समानता का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा, “यह समझौता एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”