गाज़ा संघर्ष को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की योजना का प्रधानमंत्री मोदी ने किया स्वागत
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गाज़ा युद्ध को समाप्त करने के लिए पेश की गई व्यापक योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को समर्थन दिया और उम्मीद जताई कि सभी पक्ष इस पहल के पीछे एकजुट होकर शांति की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हम राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप की उस घोषणा का स्वागत करते हैं जिसमें गाज़ा संघर्ष को समाप्त करने की व्यापक योजना का प्रस्ताव रखा गया है। यह प्रस्ताव फिलीस्तीनी और इज़रायली जनता के लिए एक दीर्घकालिक और स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। हमें आशा है कि सभी संबंधित पक्ष इस प्रयास को समर्थन देंगे और मिलकर इस संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाएंगे।”
इस प्रस्ताव की घोषणा अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में हुई, जिसके कुछ घंटों बाद ही भारत की ओर से यह प्रतिक्रिया आई है। गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़राइल पर हुए हमले में 1,200 लोगों की मौत हुई थी और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद शुरू हुए संघर्ष में अब तक 66,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
ट्रंप की योजना के मुख्य बिंदु:
व्हाइट हाउस द्वारा जारी 20 सूत्रीय योजना में तत्काल युद्धविराम, बंधकों और कैदियों की अदला-बदली, चरणबद्ध रूप से इज़रायली सेना की वापसी और गाज़ा में एक अस्थायी अंतरराष्ट्रीय शासन की स्थापना की बात कही गई है।
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बंधकों की रिहाई: हमास को 72 घंटे के भीतर सभी बचे हुए बंधकों को (जीवित या मृत) रिहा करना होगा। इसके बदले में इज़राइल 250 आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे फिलीस्तीनी कैदियों और युद्ध के दौरान पकड़े गए 1,700 लोगों को रिहा करेगा। इसमें सभी महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
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सेना की वापसी: इज़रायली सेना की वापसी तब शुरू होगी जब हमास अपने हथियार डाल देगा और एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल उसकी जगह तैनात किया जाएगा।
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हमास की भूमिका समाप्त: हमास को गाज़ा प्रशासन से पूरी तरह हटना होगा और उसकी सैन्य संरचनाएं, जैसे सुरंगें आदि, नष्ट की जाएंगी। शांतिपूर्ण जीवन जीने की शपथ लेने वाले सदस्यों को माफी दी जाएगी और जो गाज़ा छोड़ना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति होगी।
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अंतरराष्ट्रीय देखरेख: गाज़ा की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल की तैनाती की जाएगी, जो फिलीस्तीनी पुलिस को भी प्रशिक्षित करेगा।
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मानवीय सहायता: संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रिसेंट जैसी तटस्थ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद से गाज़ा में बड़ी मात्रा में मानवीय सहायता पहुंचाई जाएगी।
गाज़ा का प्रशासन:
गाज़ा के प्रशासन का जिम्मा एक अस्थायी तकनीकी समिति को सौंपा जाएगा, जिसमें फिलीस्तीनियों और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। यह समिति ‘बोर्ड ऑफ पीस’ नामक एक नई अंतरराष्ट्रीय संस्था की निगरानी में काम करेगी, जिसकी अध्यक्षता डोनाल्ड ट्रंप करेंगे। इस संस्था में विश्व के अन्य प्रमुख नेता और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर जैसे सदस्य भी होंगे।
गाज़ा में स्थानीय सेवाओं और नगरपालिकाओं के संचालन की जिम्मेदारी इस समिति की होगी। इस प्रस्ताव में फिलहाल किसी भी फिलीस्तीनी संगठन या नेता का नाम स्पष्ट रूप से नहीं दिया गया है।
डोनाल्ड ट्रंप की यह योजना पश्चिम एशिया में लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। भारत ने इस प्रयास को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है और उम्मीद जताई है कि इससे क्षेत्र में शांति स्थापित हो सकेगी।