‘द बंगाल फाइल्स’ ट्रेलर लॉन्च में कोलकाता में हंगामा, विवेक अग्निहोत्री ने लगाया तानाशाही का आरोप
कोलकाता, 16 अगस्त 2025: दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ का ट्रेलर आज रिलीज हो गया है। यह फिल्म उनकी ‘फाइल्स’ ट्रायलॉजी का अंतिम भाग है, जिसमें पहले ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द ताशकेंट फाइल्स’ शामिल हैं। ट्रेलर में 1946 के ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ और नोआखाली दंगों के दौरान हुए हिंदू नरसंहार की भयावह घटनाओं को दिखाया गया है, जो इतिहास की एक दबी हुई सच्चाई को सामने लाने का दावा करता है। फिल्म 6 सितंबर 2025 को थिएटर्स में रिलीज होने वाली है, लेकिन ट्रेलर लॉन्च के दौरान कोलकाता में भारी हंगामा हुआ, जहां पुलिस ने इवेंट को रोक दिया और निर्देशक ने राजनीतिक दबाव का आरोप लगाया।
ट्रेलर का सार और फिल्म का प्लॉट
ट्रेलर की शुरुआत में अनुपम खेर महात्मा गांधी के किरदार में नजर आते हैं, जो बंगाल के विभाजन से पहले की अराजकता और हिंसा के बीच शांति की अपील करते दिखते हैं। फिल्म 1946 के कलकत्ता दंगों (डायरेक्ट एक्शन डे) पर आधारित है, जब मुस्लिम लीग के आह्वान पर शुरू हुई हिंसा में हजारों हिंदू मारे गए, गांव जलाए गए, महिलाओं पर अत्याचार हुए और लाखों को धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया। ट्रेलर में मिथुन चक्रवर्ती एक प्रमुख भूमिका में हैं, जो संभवतः गोपाल पाठा जैसे ऐतिहासिक चरित्र को निभा रहे हैं, जो दंगों के दौरान हिंदुओं की रक्षा में सक्रिय थे। पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं, जहां जोशी फिल्म की प्रोड्यूसर भी हैं।
ट्रेलर में दिखाए गए दृश्य रूह कंपा देने वाले हैं, जिसमें जलते हुए गांव, सामूहिक हत्याएं और राजनीतिक साजिशों का चित्रण है। विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि यह फिल्म “एक दबी हुई सच्चाई” को उजागर करती है, जो राष्ट्र को भूल गई है। उन्होंने इसे ‘हिंदू नरसंहार’ की कहानी बताया, जो 1946 में 300 से अधिक गांवों को प्रभावित करने वाली घटनाओं पर आधारित है, जहां अनुमानित 5,000 लोग मारे गए और 3.5 लाख को धर्मांतरण का सामना करना पड़ा। फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है और यह शिक्षक दिवस के आसपास रिलीज हो रही है।
कोलकाता में ट्रेलर लॉन्च के दौरान हंगामा
ट्रेलर लॉन्च इवेंट कोलकाता के एक होटल में आयोजित किया गया था, लेकिन इसे दो बार रोका गया। विवेक अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि होटल के वायर काट दिए गए और पुलिस ने राजनीतिक दबाव में इवेंट को बंद कर दिया। उन्होंने इसे “तानाशाही” बताया और कहा कि अगर यह फासीवाद नहीं है, तो क्या है? पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी स्टेज पर चढ़े और इवेंट को रोकने का आदेश दिया। अग्निहोत्री ने दावा किया कि मल्टीप्लेक्स चेन ने राजनीतिक दबाव में स्क्रीनिंग रद्द कर दी और एफआईआर दर्ज कराई गईं।
अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आया कि मेरी फिल्म को इस तरह रोका गया। क्या इस राज्य में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है? ऐसा कश्मीर में भी नहीं हुआ था। क्या अब कश्मीर बंगाल से बेहतर है?” उन्होंने लोगों से फिल्म देखने की अपील की ताकि बंगाल की सच्चाई पता चले। टीएमसी नेता कुणाल घोष का नाम भी विवाद में आया, जिन्होंने कथित तौर पर दबाव डाला। यह घटना डायरेक्ट एक्शन डे की वर्षगांठ पर हुई, जिसने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया।
प्रतिक्रियाएं और सोशल मीडिया पर चर्चा
ट्रेलर रिलीज के बाद सोशल मीडिया पर #TheBengalFiles ट्रेंड करने लगा। कई यूजर्स ने इसे इतिहास की महत्वपूर्ण कहानी बताया, जबकि कुछ ने इसे विभाजनकारी करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “फिल्में इतिहास से सीखने के लिए होनी चाहिए, न कि धार्मिक युद्ध छेड़ने के लिए।” दूसरी ओर, समर्थकों ने कहा कि यह “सत्यमेव जयते” की भावना से प्रेरित है और कभी न भूलने वाली घटनाओं को याद दिलाती है। विवेक अग्निहोत्री ने इंस्टाग्राम पर ट्रेलर शेयर करते हुए कहा, “पीड़ितों की याद में, सिनेमा में 5 सितंबर 2025 को।”
यह घटना पश्चिम बंगाल में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाती है, खासकर जब फिल्म सेंसर बोर्ड से पास हो चुकी है। फिल्म की टीम ने कहा कि वे चुप नहीं रहेंगे और सच्चाई को सामने लाएंगे। यह देखना बाकी है कि रिलीज के समय क्या और विवाद होंगे।