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आत्मगौरव और भाषा की श्रेष्ठता का उत्सव : हिंदी दिवस

भारत के अधिकांश भागों में हिंदी ही प्रचलित थी, इसलिए इसे राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के महत्व को उजागर करने और हिंदी को हर क्षेत्र में जन-जन तक पहुंचाने के लिए 1953 से पूरे देश में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने की आधिकारिक घोषणा की गई।

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