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जगन्नाथ संस्कृति का प्रदेश और नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जन्मस्थली है ओड़िशा

उत्कल भूमि बंगाल की खाड़ी में पुरी के समुद्र तट पर विराजमान महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की छत्रछाया में एक लाख 55 हज़ार 707 वर्ग किलोमीटर में विस्तारित है। नक्शे पर इस राज्य का उदय आज ही के दिन एक अप्रैल 1936 को ‘उड़ीसा’ के नाम से हुआ था ।

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मनुष्य के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को राह दिखाने वाली पुस्तक : बोल -बत्तीसा

‘बोल -बत्तीसा’ में उनके स्वयं के दोहों और मुक्तकों सहित अन्य कवियों की काव्य पंक्तियों का भी समावेश है. ये छोटी -छोटी रचनाएँ ‘गागर में सागर’ जैसी हैं. पुस्तक के मुख पृष्ठ में यह बताने का प्रयास किया गया है कि मानव जीवन में क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए.

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ओड़िया भाषा का चलित महानाटक धनु-जात्रा 

स्वर्गीय श्री सुरेन्द्र प्रबुद्ध ने भारतीय नाट्य साहित्य के इतिहास के  तथ्यात्मक अध्ययन के आधार पर अपने आलेख में यह भी बताया था कि ओड़िशा की ‘धनुजात्रा” का इतिहास पांच सौ वर्षों से अधिक पुराना नहीं है। भरत मुनि भारतीय नाट्य साहित्य के आदि पुरुष और प्रवर्तक थे।

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हिन्दी साहित्य में व्यंग्य विधा के संस्थापक हरिशंकर परसाई

उनकी लोकप्रिय व्यंग्य रचनाओं में ‘सदाचार का ताबीज’,और ‘इंस्पेक्टर मातादीन चाँद पर’ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इसके अलावा ‘रानी नागफनी की कहानी’ उनका बहुचर्चित व्यंग्य उपन्यास है। वह हमेशा साम्प्रदायिकता के ख़िलाफ़ रहे। धार्मिक और जातीय संकीर्णताओं का उन्होंने अपनी व्यंग्य रचनाओं के माध्यम से हमेशा विरोध किया। वह अपनी कलम से साम्प्रदायिक शक्तियों का पर्दाफ़ाश भी करते रहे।

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छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता का इतिहास और ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ पत्रिका

जनवरी 1900 में प्रारंभ यह छत्तीसगढ़ की पहली मासिक पत्रिका थी, जिसके माध्यम से राज्य में पत्रकारिता की बुनियाद रखी गयी। पंडित वामन बलीराम लाखे जी इस पत्रिका के प्रकाशक थे। सुप्रसिद्ध साहित्यकार पंडित माधवराव सप्रे और उनके सहयोगी रामराव चिंचोलकर ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ के सम्पादक थे।

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छत्तीसगढ़ में पले बढ़े छत्तीस भाषाओं के महारथी

छत्तीसगढ़ की माटी में, रायपुर की धरती पर पले-बढ़े हरिनाथ डे भी दुनिया की उन्हीं भूली-बिसरी विलक्षण प्रतिभाओं में से थे। उनकी जीवन यात्रा सिर्फ 34 साल की रही, लेकिन जुनून की हद तक भाषाएँ सीखने की दीवानगी ने उन्हें विश्व के महानतम भाषाविदों की प्रथम पंक्ति में प्रतिष्ठित कर दिया। उन्होंने छत्तीस भाषाओं का ज्ञान अर्जित किया।

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