राजा राममोहन राय : जिन्होंने समाज सुधार के साथ भाषायी पत्रकारिता की बुनियाद रखी
भारत की महान विभूतियों में राजा राममोहन राय का नाम आज भी सम्मान के साथ याद किया जाता है। आज, 22 मई को, उनकी जयंती है।
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Read moreकविता -संग्रह, कहानी -संग्रह, उपन्यास आदि साहित्यिक कृतियाँ बहुत छप रही हैं, लेकिन पढ़ने वालों की संख्या कम होती जा रही है। अन्य देशों का तो नहीं मालूम लेकिन हमारे देश में अपने आस-पास नज़र दौड़ाएँ तो आम तौर पर ऐसा ही माहौल मिलेगा।
Read moreपुस्तक में आठ पृष्ठों में संपादक विनय श्रीवास्तव ने लाला जी की साहित्यिक यात्रा, उपलब्धियों और प्रकाशित कृतियों का गहन परिचय दिया है। वे केवल कवि नहीं, बल्कि एक सशक्त गद्य-शिल्पी, इतिहासकार और लोकसंस्कृति के सजग अध्येता भी थे।
Read moreकोरोना काल में इस पद्धति की ‘आर्सेनिकम एलबम 30’ नामक दवा समेत कुछ अन्य औषधियाँ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी साबित हुई थीं। उस समय भारत सरकार के आयुष विभाग ने भी इनके उपयोग के लिए परामर्श जारी किया था।
Read moreर्तमान पीढ़ी के बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि अपनी 93 साल की जीवन यात्रा के लगभग सात दशक साहित्य साधना में लगा देने वाले साहित्य महर्षि लाला जगदलपुरी ने बड़ों के लिखने के साथ -साथ बच्चों के लिए भी ख़ूब लिखा।
Read moreसमकालीन हिन्दी कविता के सशक्त और महत्वपूर्ण रचनाकार, रंगकर्मी और नाट्य निर्देशक विजय सिंह छत्तीसगढ़ के जगदलपुर (जिला -बस्तर) के निवासी हैं। उनकी 73 अतुकांत कविताओं का संग्रह ‘समकाल की आवाज़ ‘ सीरिज की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में सामने आया है।उनकी चयनित कविताओं की यह किताब नई दिल्ली के न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित की गई है। पुस्तक 132 पेज की है।
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