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हिन्दी साहित्य में व्यंग्य विधा के संस्थापक हरिशंकर परसाई

उनकी लोकप्रिय व्यंग्य रचनाओं में ‘सदाचार का ताबीज’,और ‘इंस्पेक्टर मातादीन चाँद पर’ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इसके अलावा ‘रानी नागफनी की कहानी’ उनका बहुचर्चित व्यंग्य उपन्यास है। वह हमेशा साम्प्रदायिकता के ख़िलाफ़ रहे। धार्मिक और जातीय संकीर्णताओं का उन्होंने अपनी व्यंग्य रचनाओं के माध्यम से हमेशा विरोध किया। वह अपनी कलम से साम्प्रदायिक शक्तियों का पर्दाफ़ाश भी करते रहे।

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छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता का इतिहास और ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ पत्रिका

जनवरी 1900 में प्रारंभ यह छत्तीसगढ़ की पहली मासिक पत्रिका थी, जिसके माध्यम से राज्य में पत्रकारिता की बुनियाद रखी गयी। पंडित वामन बलीराम लाखे जी इस पत्रिका के प्रकाशक थे। सुप्रसिद्ध साहित्यकार पंडित माधवराव सप्रे और उनके सहयोगी रामराव चिंचोलकर ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ के सम्पादक थे।

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छत्तीसगढ़ में पले बढ़े छत्तीस भाषाओं के महारथी

छत्तीसगढ़ की माटी में, रायपुर की धरती पर पले-बढ़े हरिनाथ डे भी दुनिया की उन्हीं भूली-बिसरी विलक्षण प्रतिभाओं में से थे। उनकी जीवन यात्रा सिर्फ 34 साल की रही, लेकिन जुनून की हद तक भाषाएँ सीखने की दीवानगी ने उन्हें विश्व के महानतम भाषाविदों की प्रथम पंक्ति में प्रतिष्ठित कर दिया। उन्होंने छत्तीस भाषाओं का ज्ञान अर्जित किया।

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महासमुंद क्षेत्र की प्रथम महिला सांसद रूपकुमारी चौधरी के सम्मान में दो किलोमीटर लम्बा स्वागत जुलूस

लोकसभा के लिए महासमुंद क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की प्रथम निर्वाचित  महिला सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी के पिथौरा आगमन पर आज उनके सम्मान में लगभग दो किलोमीटर लम्बा स्वागत जुलूस निकाला गया। इस दौरान उनका भव्य और आत्मीय स्वागत किया गया।

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दम तोड़ रहा एक कुटीर उद्योग : ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्ट

किसी ज़माने में राजे -महाराजे भले ही सोने -चाँदी के बर्तनों में भोजन करते रहे हों ,लेकिन उस दौर में

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