अजातशत्रु- महन्त बिसाहू दास : डॉ. बलदेव
अपने सत्कर्मो से मनुष्य महान बनता है । संत कबीर और महात्मा गाँधी इस बात के उदाहरण हैं। महन्त बिसाहूदास इनके चरण चिन्हों पर चलने वाले हमारे समय के सर्वमान्य नेता थे , उनका उदार चरित्र अनुकरणीय है।
Read moreअपने सत्कर्मो से मनुष्य महान बनता है । संत कबीर और महात्मा गाँधी इस बात के उदाहरण हैं। महन्त बिसाहूदास इनके चरण चिन्हों पर चलने वाले हमारे समय के सर्वमान्य नेता थे , उनका उदार चरित्र अनुकरणीय है।
Read moreआज की यात्रा लिली चौक से शुरू होकर नागरीदास मंदिर, बावलीवाले हनुमान, जैतूसाव मठ, जगन्नाथ मंदिर होते हुए तुरी हटरी पर समाप्त हुई। इस वॉक का नेतृत्व अगोरा इको-टूरिज्म के अनुभवी डॉ. आलोक कुमार साहू ने किया। उनके व्यापक ज्ञान और आकर्षक शैली ने सभी प्रतिभागियों के लिए रायपुर के इतिहास को जीवंत कर दिया।
Read moreसंघर्ष, बलिदान और आँदोलन के एक लंबे सिलसिले के बाद 1 जून 1949 भोपाल रियासत भारतीय गणतंत्र का अंग बनी।
Read moreजब क्राँतिकारियों के शस्त्र गरजने लगे तो अहिसंक आँदोलन कारियों ने थोड़ी दूरी बनाई। तभी अंग्रेजों ने 1905 में बंगाल विभाजन का निर्णय लिया। तब दोनों धाराएँ समीप आईं। इसके अग्रणी नेताओं में विपिन चंद्र पाल हैं।
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