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स्वदेशी आंदोलन के आर्य नायक पंजाब केसरी लाला लाजपतराय

आर्य समाज से संबंधित होने के कारण वे अपनी बात को तथ्य और तर्क के साथ रखना उनके स्वभाव में आ गया था। घर में आध्यात्मिक और धार्मिक पुस्तकों का मानों भंडार था। इनके अध्ययन के साथ उन्होंने वकालत की परीक्षा उत्तीर्ण की और रोहतक तथा हिसार आदि नगरों में वकालत करने लगे थे।

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पीएम मोदी ने कहा आदिवासी समाज को आज़ादी के बाद उपेक्षित किया गया, जनजातीय गौरव दिवस पर किया सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के जमुई में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के समारोह की शुरुआत की और आदिवासी समाज के योगदान को सम्मानित किया।

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सराय काले खां चौक का नाम बदलकर भगवान बिरसा मुंडा चौक किया गया

दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब भगवान बिरसा मुंडा चौक रखा गया है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस नाम परिवर्तन की घोषणा भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस के अवसर पर की, और कहा कि यह निर्णय दिल्लीवासियों और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करेगा।

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय: महामना के स्वप्न की साकार प्रतिमूर्ति

यह संस्थान केवल एक विश्वविद्यालय भर नहीं अपितु भारत राष्ट्र की संपूर्णता की छविकृति है। यह महामना पंडित मदनमोहन मालवीय की उस स्वप्न छवि का साकार स्वरूप है जो उन्होंने भारत को एक गौरवमयी राष्ट्र केलिये पीढ़ी निर्माण का स्वप्न देखा था। वे बहुआयामी प्रतिभा और व्यक्तित्त्व के धनी थे। इसीलिए उन्हें “महामना” का सम्मान मिला। उनसे पहले और उनके बाद यह सम्मान किसी को न मिला।

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ऐसी ब्रिटिश नागरिक जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति समर्पित रहीं

यदि कहीं कोई भारतीय बड़े पद पर है और अंग्रेज छोटे पद पर तब भारतीय को क्यों खड़े होना चाहिए और क्यों सामान्य अंग्रेज को पानी पिलाना चाहिए। आरंभ में उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से चर्चा करके मानवीय व्यवहार समझाना चाहा, पर बात नहीं बनी और वे भी नौकरी छोड़कर समाज के जागरण में जुट गयीं।

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आजाद हिन्द सरकार स्थापना स्मरण दिवस 21 अक्टुबर

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 को आजाद हिन्द सरकार (Arzi Hukumat-e-Azad Hind) या भारतीय राष्ट्रीय अंतरिम सरकार की स्थापना की थी। यह सरकार नेताजी द्वारा सिंगापुर में घोषित की गई थी, और इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था।

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