श्री रमेश शर्मा

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भारत की जनसांख्यिकी बदलने का षड्यंत्र : एक सुनियोजित प्रयास

अमित शाह ने दो टूक शब्दों में कहा कि “भारत को धर्मशाला नहीं बनने देंगे”। श्री अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि “सरकार उन लोगों के स्वागत करने के लिए तैयार है, जो पर्यटक के रूप में अथवा शिक्षा, स्वास्थ्य, और व्यवसाय के लिए भारत आना चाहते हैं, लेकिन जो जो लोग खतरा पैदा करते हैं, उनसे गंभीरता से निपटा जाएगा”।

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सनातन परंपरा पर औरंगजेब सबसे बड़ा हमला : 9 अप्रैल 1669 का दिन

49 वर्षों के अपने शासनकाल में औरंगजेब ने एक ऐसा ऐतिहासिक कालखंड निर्मित किया, जो भय, दमन, और धार्मिक असहिष्णुता का प्रतीक बन गया। उसका यह आदेश एक सुनियोजित सांस्कृतिक विलोपन का प्रयास था, जिसने भारत की आत्मा को आहत किया।

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गाय की चर्बी के कारतूस विवाद से शुरू हुआ संतावन का गदर : मंगल पाण्डेय

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में 1857 की क्रान्ति को सब जानते हैं। यह एक ऐसा सशस्त्र संघर्ष था जो पूरे देश में एक साथ हुआ। इसमें सैनिकों और स्वाभिमान सम्पन्न रियासतों ने हिस्सा लिया। असंख्य प्राणों की आहूतियाँ हुईं थी। इस संघर्ष का सूत्रपात करने वाले स्वाभिमानी सिपाही मंगल पाण्डेय थे।

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एक साहसी योद्धा की अमर कहानी : झलकारी बाई

न तो स्वयं के लिये राज्य प्राप्ति की चाह थी और न अपना कोई हित। पर उन्होंने संघर्ष किया और जीवन की अंतिम श्वांस तक किया। वे जानतीं थीं कि उनके संघर्ष का अंत विजय नही है अपितु जीवन का  बलिदान है। फिर भी उन्होंने प्राणपण का संघर्ष किया और रानी लक्ष्मीबाई सुरक्षित कालपी पहुँचाया।

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भारतीय पुरातत्व के अग्रदूत डॉ. हरिभाऊ वाकणकर

डाक्टर हरिभाऊ वाकणकर की गणना संसार के प्रमुख पुरातत्वविदों में होती है । उन्होंने भारत के विभिन्न वनक्षेत्र के पुरातन जीवन और भोपाल के आसपास लाखों वर्ष पुराने मानव सभ्यता के प्रमाण खोजे । भीम बैठका उन्ही की खोज है । उनके शोध के बाद विश्व भर के पुरातत्वविद् भारत आये और डाक्टर वाकणकर से मार्गदर्शन लिया।

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बंगलादेश में हिन्दुओं का निरंतर उत्पीड़न और वैश्विक चुप्पी

बंगलादेश में हिन्दुओं का उत्पीड़न रुक नहीं रहा । हिन्दुओं के घरों पर हमले और हिन्दु स्त्रियों के हरण के समाचार प्रतिदिन आ रहे हैं। लेकिन पूरी दुनियाँ में सन्नाटा है। जिन संगठनों को आतंकवादियों में भी मानवीय अधिकार दिख जाते हैं। वे भी बंगलादेश में हिन्दुओं के उत्पीड़न पर चुप्पी साधे हुये है।

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