श्रीमती रेखा पाण्डेय

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शिवोपासना और आध्यात्मिक ऊर्जा का पावन संगम सावन

श्रावण मास हिन्दू पंचांग का पवित्र महीना है, जिसमें भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। जानिए सावन की पौराणिक कथाएं, धार्मिक महत्व, व्रत, पूजा-विधि और पर्यावरणिक महत्व इस विस्तृत आलेख में।

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futuredमनकही

अदृश्य राहों के अनदेखे संयोग : मनकही

जो होता है, अच्छे के लिए ही होता है। और जो आगे होगा, वह भी अच्छे के लिए ही होगा। ईश्वर का निर्णय सदैव हितकारी होता है, केवल हम अल्पबुद्धि मनुष्य उसकी योजना को तत्काल नहीं समझ पाते और व्यर्थ की चिंता करते हैं।

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futuredलोक-संस्कृति

स्वर, लय और भाव की दिव्य संगति : भारतीय संगीत

वर्ष 2025 की थीम “Healing Through Harmony” है, जो भावनाओं को शांत करने, तनाव कम करने और वैश्विक स्तर पर समुदायों को एकजुट करने की संगीत की शक्ति को रेखांकित करती है।

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माँ दुर्गा के नौ स्वरूप और उनका आध्यात्मिक महत्व

चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिन्दू नववर्ष या नव संवत्सर का आरंभ होता है ।जिसे भारत के विभिन्न राज्यों में जैसे महाराष्ट्र में गुड़ीपड़वा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, और कर्नाटक में उगादि, जम्मू कश्मीर में नवरेह तथा मणिपुर में साजिबु नोंगमा पंबा के नाम से जाना जाता है।

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होलिका दहन का वैदिक, पौराणिक और वैज्ञानिक महत्व

 वैदिक काल में इस पर्व को नवासस्येष्टि यज्ञ कहा गया। उस समय अधपके अन्न को यज्ञ में दान कर प्रसाद रूप में ग्रहण किया जाता था। इस अन्न को होला कहते थे। अतः इसका नाम होलिकोत्सव पड़ा।

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futuredलोक-संस्कृति

प्राचीन भारत में स्त्री शिक्षा और विदुषियों का योगदान

उपनिषदकालीन ब्रह्मवादिनियाँ आज भी हिंदु समाज के विद्वत वर्ग में श्रद्धा से पूजी जाती हैं। ऋग्वेद में गार्गी, मैत्रेयी, घोषा, विश्ववारा, अपाला, अदिति, शची, लोपामुद्रा, सार्पराज्ञी, वाक्क, श्रद्धा, मेधा, सूर्या, सावित्री जैसी वेद मन्त्रद्रष्टा विदुषियों का उल्लेख मिलता है।

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