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भारत की आत्मा को जीवंत करने वाला कलाकार: मनोज कुमार

मनोज कुमार की पहचान उनकी देशभक्ति की फ़िल्में बनी, मनोज कुमार ने अपने करियर में देशभक्ति को अपनी फिल्मों का मुख्य आधार बनाया। उनकी फिल्में केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं थीं, बल्कि वे समाज को जागरूक करने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का माध्यम भी बनीं। “शहीद” में भगत सिंह की शहादत, “उपकार” में किसान और जवान की एकता, “पूरब और पश्चिम” में भारतीय संस्कृति की महिमा, और “क्रांति” में स्वतंत्रता संग्राम की भावना को उन्होंने पर्दे पर जीवंत किया।

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छत्तीसगढ़ की प्रथम कालापानी की सजा-हटे सिंह को : सुरेन्द्र साय का उलगुलान

यह लेख छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण क्रांतिकारियों, विशेष रूप से वीर नारायण सिंह, माधो सिंह और वीर सुरेंद्र साय के योगदान को उजागर करता है।

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24 सितम्बर 1932 क्राँतिकारी प्रीतिलता का अंग्रेजों से लड़ते हुए बलिदान

प्रीति लता वोददार का जन्म 5 मई 1911 को चटगाँव में हुआ। वे 24 सितंबर 1932 को अंग्रेजों के मनोरंजन क्लब पर बम फेंकने के दौरान घायल हुईं और शहीद हो गईं। उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों के प्रति वफादारी की शपथ लेने से इनकार कर दिया, जिसके कारण उनकी डिग्री रोक दी गई।

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इस देश में शहीदों का नामों निशां न होगा….

भारत को स्वतंत्रता आसानी से नहीं मिली है, अंग्रेजों की गुलामी के दो सौ वर्षों में अनगिनत लोगों ने अपने

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