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लोक देवियाँ और छत्तीसगढ़ की शाक्त परम्परा

छत्तीसगढ़ में शक्ति की उपासना प्रमुख रुप से की जाती है क्योंकि यहाँ का जनमानस इस बात को जानता है कि शक्ति के बिना सृष्टि की उत्पत्ति और विकास तथा सृष्टि के विनाश तक की कल्पना नहीं की जा सकती है। शाक्त परम्परा से संबंधित प्रमाण हमें यहां की मृण्यमयी मूर्तिकला, शिल्प, साहित्य, संस्कृति और जीवन शैली में सहज ही देखे जा सकते हैं।

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माँ दुर्गा के नौ स्वरूप और उनका आध्यात्मिक महत्व

चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिन्दू नववर्ष या नव संवत्सर का आरंभ होता है ।जिसे भारत के विभिन्न राज्यों में जैसे महाराष्ट्र में गुड़ीपड़वा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, और कर्नाटक में उगादि, जम्मू कश्मीर में नवरेह तथा मणिपुर में साजिबु नोंगमा पंबा के नाम से जाना जाता है।

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देवी दुर्गा की आराधना और ऋतु परिवर्तन का पर्व नवरात्रि

नवरात्रि को कृषि और ऋतु परिवर्तन के संदर्भ में भी देखा जाता है। यह समय फसल की कटाई और नई फसल की बुवाई का होता है। शारदीय नवरात्रि विशेष रूप से शरद ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है, जब मौसम बदलता है और धरती पर नई ऊर्जा का संचार होता है।

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