योग व्यवहारिक जीवन पद्धति है
जब भी हम योग की बात करते हैं, तब आसन और प्राणायाम की बात होती है। केवल कुछ योगासन और
Read moreजब भी हम योग की बात करते हैं, तब आसन और प्राणायाम की बात होती है। केवल कुछ योगासन और
Read moreयोग का उद्भव और विकास भारत में प्राचीन काल से होता आ रहा है, और यह आज भी विकासशील है। विभिन्न ऋषियों, आचार्यों और आधुनिक योग गुरुओं ने योग को एक व्यापक और सार्वभौमिक विधा के रूप में स्थापित किया है।
Read moreसंगीत स्वयं ब्रह्म नाद है और योग ब्रह्म तक पहुंचने का सोपान। प्रकृति लय ताल युक्त संगीत मय है और
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