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छत्तीसगढ़ में स्थापित होगा देश का तीसरा सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य

छत्तीसगढ़ में देश का तीसरा सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य, गुरु घासीदास-तमोर पिंगला, जल्द ही अस्तित्व में आएगा। यह नया बाघ अभयारण्य 2829.387 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला होगा और इसे छत्तीसगढ़ के प्रमुख वन क्षेत्रों को एकीकृत करके बनाया गया है। इस निर्णय से बाघों की सुरक्षा और संख्या में सुधार की उम्मीद है, साथ ही यह क्षेत्र इको-टूरिज़्म और स्थानीय रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा।”

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जैव विविधता संरक्षण में बाघों की भूमिका : क्यों है यह आवश्यक?

छत्तीसगढ़ में भी बाघों के होने की जानकारी मिलती रहती है, जैसे कुछ महीनों पूर्व बार नवापारा के जंगलों में विचरते एक बाघ का वीडियो वायरल हुआ था। 2023 के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में लगभग 19 बाघ हैं। यह संख्या गत वर्षों में थोड़ी कम हो गई है, जिसका मुख्य कारण बाघों के आवास में कमी और शिकार की घटनाएं हैं। यहाँ बाघों के आंकड़े घटते बढ़ते रहते हैं।

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