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क्या है USAID फ़ंडिग विवाद?

हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आरोप लगाया है कि USAID ने भारत में 2024 के आम चुनावों के दौरान मतदान बढ़ाने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 182 करोड़ रुपये) की फंडिंग प्रदान की, जिसे उन्होंने “किकबैक स्कीम” यानी रिश्वत योजना कहा है। ट्रम्प का दावा है कि यह फंडिंग पिछले बाइडेन प्रशासन द्वारा भारतीय चुनावों में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से दी गई थी, ताकि मौजूदा मोदी सरकार को सत्ता से हटाया जा सके।

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क्यों देखनी चाहिए “छावा” मुवी, जानिए

इतिहास के छिपाए हुए पहलुओं को उजागर करते दर्शकों को आक्रांताओं की क्रूरता से परिचित कराती हैं। ऐसी ही एक फ़िल्म ‘छावा’ मराठी साहित्यकार शिवाजी सावंत द्वारा लिखित प्रसिद्ध उपन्यास छावा पर आधारित है, जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर केंद्रित है। यह फ़िल्म दर्शकों को मराठा साम्राज्य के वीर योद्धा संभाजी महाराज की बहादुरी, नेतृत्व और संघर्षों से परिचित कराती है।

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सीय राममय सब जग जानी : सीता जयंती विशेष

माता सीता का जन्म मिथिला (वर्तमान में नेपाल) के राजा जनक के घर में हुआ था, इसलिए उन्हें ‘जानकी’ कहा जाता है। वे माता पृथ्वी की कन्या मानी जाती हैं, जिन्हें राजा जनक ने यज्ञ भूमि से प्राप्त किया था।

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सभ्यता के अदृश्य निर्माता भारतीय शिल्पकार: विश्वकर्मा जयंती विशेष

मानव सभ्यता के विकास का जहाँ भी वर्णन होता है वहां स्वत: ही तकनीकि रुप से दक्ष परम्परागत शिल्पकारों के

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तीर्थ श्रेष्ठ नर्मदा का आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व : नर्मदा जयंती विशेष

नर्मदा नदी को ‘जीवित नदी’ के रूप में पूजा जाता है और इसे मातृ रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। इस नदी के तट पर अनेक धार्मिक स्थल स्थित हैं, जैसे ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक, मांडू, और होशंगाबाद। ओंकारेश्वर में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ाता है।

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बन वसंत बरनत मन फूल्यौ : बसंत पंचमी विशेष

बसंत ऋतु कवियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है। कालिदास से लेकर आधुनिक हिंदी कवियों तक, सभी ने अपने काव्य में इस ऋतु की छटा बिखेरी है। बसंत को प्रेम, सौंदर्य, उल्लास और नवजीवन का प्रतीक माना जाता है, जो काव्य और साहित्य को मधुरता प्रदान करता है। बसंत पंचमी केवल ऋतु परिवर्तन का प्रतीक ही नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। इसका संबंध ज्ञान, प्रेम, सौंदर्य और उल्लास से है। यह पर्व पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति की महानता को दर्शाता है।

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