\

संरक्षण और संवेदनशीलता की पुकार : वन्य जीव दिवस

वन्य जीव दिवस हर वर्ष 3 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन प्रकृति में जीवों के महत्व को समझने, उनके संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करने और लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2013 में इस दिन को आधिकारिक रूप से मनाने की घोषणा की गई थी।

Read more

ब्रजभूमि का अनूठा पर्व : फूलेरा दूज

फूलरिया दूज  या फ़ूलेरा दूज भारतीय संस्कृति और हिंदू परंपराओं में विशेष स्थान रखने वाला एक अद्भुत त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से ब्रज क्षेत्र में मनाया जाता है। यह पर्व फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है और इसे श्रीकृष्ण और राधा रानी के प्रेम व होली महोत्सव से जोड़ा जाता है।

Read more

शिव तत्व की लोक जीवन में व्यापकता

लोक में शिव तत्व जीवन की सहजता, सरलता, और व्यापकता को दर्शाता है। वे एक ऐसे ईश्वर हैं जो आडंबर से दूर हैं, जो सबको स्वीकार करते हैं, जो सृजन, पालन और संहार तीनों को साधते हैं। लोकमानस में शिव केवल एक देवता नहीं, बल्कि जीवन और अस्तित्व के सत्य का प्रतीक हैं। यही कारण है कि शिव हर गाँव, हर संस्कृति, और हर व्यक्ति के हृदय में बसते हैं।

Read more

धार्मिक और सामाजिक पुनर्जागरण के अग्रदूत : स्वामी दयानंद सरस्वती

स्वामी दयानंद सरस्वती भारतीय समाज में धार्मिक और सामाजिक पुनर्जागरण के अग्रदूत थे। वे एक महान सुधारक, विचारक और आर्य समाज के संस्थापक थे। बोध दिवस वह महत्वपूर्ण दिन है, जब स्वामी दयानंद को अपने आध्यात्मिक लक्ष्य और सत्य की वास्तविकता का साक्षात्कार हुआ। यह दिन उनके जीवन में एक निर्णायक मोड़ था, जिसने उन्हें वेदों के शुद्ध ज्ञान के प्रचार और सामाजिक सुधार की ओर प्रेरित किया।

Read more

क्या है USAID फ़ंडिग विवाद?

हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आरोप लगाया है कि USAID ने भारत में 2024 के आम चुनावों के दौरान मतदान बढ़ाने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 182 करोड़ रुपये) की फंडिंग प्रदान की, जिसे उन्होंने “किकबैक स्कीम” यानी रिश्वत योजना कहा है। ट्रम्प का दावा है कि यह फंडिंग पिछले बाइडेन प्रशासन द्वारा भारतीय चुनावों में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से दी गई थी, ताकि मौजूदा मोदी सरकार को सत्ता से हटाया जा सके।

Read more

क्यों देखनी चाहिए “छावा” मुवी, जानिए

इतिहास के छिपाए हुए पहलुओं को उजागर करते दर्शकों को आक्रांताओं की क्रूरता से परिचित कराती हैं। ऐसी ही एक फ़िल्म ‘छावा’ मराठी साहित्यकार शिवाजी सावंत द्वारा लिखित प्रसिद्ध उपन्यास छावा पर आधारित है, जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर केंद्रित है। यह फ़िल्म दर्शकों को मराठा साम्राज्य के वीर योद्धा संभाजी महाराज की बहादुरी, नेतृत्व और संघर्षों से परिचित कराती है।

Read more