धर्म, बलिदान और वीरता के प्रतीक : गुरु गोविंद सिंह
गुरु गोविंद सिंह का जीवन धर्म, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्षों से भरा था। उन्होंने मुगल शासकों और स्थानीय शासकों के अत्याचारों के खिलाफ सिख समुदाय को संगठित किया।
Read moreगुरु गोविंद सिंह का जीवन धर्म, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्षों से भरा था। उन्होंने मुगल शासकों और स्थानीय शासकों के अत्याचारों के खिलाफ सिख समुदाय को संगठित किया।
Read moreसोमवती अमावस्या की कथाएँ इस बात को रेखांकित करती हैं कि यह दिन श्रद्धा, सेवा, दान और पितृ पूजा के माध्यम से जीवन में शुभता और समृद्धि लाने का अवसर प्रदान करता है।
Read moreभारत के इतिहास में बुंदेलखंड के वीर योद्धा राजा छत्रसाल का नाम अमर है। उनकी पुण्यतिथि पर उनके अद्वितीय साहस,
Read moreकुंभ मेला मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना जाता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है। साधु-संतों द्वारा दी गई शिक्षाएं और प्रवचन आत्मा की शुद्धि में सहायक होते हैं। यह मेला भारत की विविध संस्कृतियों और परंपराओं का संगम है।
Read moreविवाह पंचमी का मुख्य उद्देश्य भगवान राम और माता सीता के आदर्श दांपत्य जीवन को प्रस्तुत करना है। यह समाज को यह संदेश देता है कि वैवाहिक जीवन का आधार प्रेम, विश्वास, और आपसी सहयोग होना चाहिए। यह पर्व परिवार और समाज में सामंजस्य बनाए रखने के महत्व को भी रेखांकित करता है।
Read moreभारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, जो न केवल शासन और प्रशासन का मार्गदर्शन करता है, बल्कि देश की प्रगति और स्थिरता का आधार भी है। इसे 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
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