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शीतकाल में घूमने लायक छत्तीसगढ़ के प्रमुख पुरातात्विक पर्यटन स्थल

छत्तीसगढ़ को ‘भारत का धरोहर राज्य’ कहा जाता है, अपने प्राचीन इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र शीत ऋतु में पर्यटन के लिए बेहद अनुकूल है, क्योंकि इस समय मौसम ठंडा और सुहावना होता है।

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बच्चों के अधिकारों और उज्ज्वल भविष्य का संकल्प : अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस

भारत में बच्चों की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की ओर बढ़ी है, लेकिन चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं। 2014 के बाद, बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएँ और नीतियाँ लागू कीं, जिनसे कुछ सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।

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भारत की वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई

रानी को किले से हटकर झाँसी के रानी महल में आना पड़ा। उन्होंने इसे अपने स्वाभिमान पर आघात माना और अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष का संकल्प लिया। रानी ने नाना साहब पेशवा से संपर्क कर योजना बनाई और महिला ब्रिगेड का गठन किया, जिसका नेतृत्व झलकारी बाई को सौंपा गया।

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डिजिटल युग में प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की चुनौतियां

वर्तमान दौर में पत्रकारों को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो न केवल उनके पेशेवर जीवन बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन को भी प्रभावित करती हैं। पत्रकारों को कई बार गंभीर शारीरिक खतरों का सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे भ्रष्टाचार, अपराध, या सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करते हैं।

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सूर्योपासना पर्व छठ पूजा का सांस्कृतिक, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

सूर्य को वैदिक साहित्य में ‘सूर्य नारायण’ या ‘सविता’ के रूप में पूजा जाता है। ऋग्वेद में सूर्य को जीवनदायिनी शक्ति का प्रतीक माना गया है, और उसे सभी प्राणियों के अस्तित्व का आधार बताया गया है।

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गोर्वधन पूजा का कारण एवं महत्व

आज गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथाएं है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती जैसे नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है।

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