मानव जीवन यात्रा में भाग्य और कर्म की भूमिका : मनकही
भाग्य और कर्म के विषय सदैव यही कहा जाता है कि भाग्य के लेख को मिटाया नही जा सकता। जो
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Read moreमाटी की महक, फ़ूलों की सुगंध से लेकर रोटी की सौंधी खुश्बू का जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। सम्पूर्ण प्रकृति
Read moreमन पछितहिएँ अवसर बीते अर्थात समय रहते कुछ नहीं किया दूसरे के भरोसे बैठे रहे और आज पछताने के सिवाय कुछ नहीं मिला। तभी तो कबीर दास जी ने कहा है–
Read moreमन चंचल होता है, मन की गति अत्यधिक तीव्र होती है। जीवन में सुख-दुःख क्या है? मन के भाव ही
Read moreजीवन में सफलता निज कार्यों पर आधारित होती है। सही समय पर किया गया उचित प्रयास सफलता की संभावना को
Read moreबस शब्द के चार पर्याय है बस ,वश ,बस और बस। यहां पहले बस का अर्थ पर्याप्त या काफी है
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