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विवेकानंद शिला स्मारक और माननीय एकनाथ रानाडे जी

माननीय एकनाथ रानाडे जी का व्यक्तित्व अविस्मरणीय है। स्वामी विवेकानंद जी के जीवन की प्रासंगिकता वर्तमान समय में भी बरकरार रखने में एकनाथ जी का बड़ा योगदान रहा है। साहित्य से लेकर स्मारक तक, स्मारक से संगठन तक की स्थापना करने में एकनाथ जी ने अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया।

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पूर्व राज्य सभा सदस्य श्री गोपाल व्यास का निधन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता और पूर्व राज्यसभा सांसद श्री श्रीगोपाल व्यास का आज प्रातः निधन हो गया। 15 फरवरी 1932 को जन्मे श्रीगोपाल व्यास को उनके अनुयायी ‘श्रीरु भैया’ के नाम से जानते थे।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के वार्षिक उद्बोधन के प्रमुख बिंदु

गुंडागर्दी नहीं चलने देनी, गुंडागर्दी किसी की भी हो वो क्षम्य नहीं, अपना और अपनों का प्राण और चीज वस्तु इसकी रक्षा करना यह अपना अधिकार है मूलभूत अधिकार है। बातें प्रशासन को पुलिस को करनी है उनको ही करनी देनी चाहिए, उनके आते तक अपने प्राण को बचाना अपनों के प्राणों को बचाना ये अपना अधिकार है उसके लिए समाज को सजग रहना पड़ेगा।

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स्थापना के शताब्दी वर्ष में प्रवेश करता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ “हिंदू” शब्द की व्याख्या सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के संदर्भ में करता है जो किसी भी तरह से (पश्चिमी) धार्मिक अवधारणा के समान नहीं है। इसकी विचारधारा और मिशन का जीवंत सम्बंध स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद, बाल गंगाधर तिलक और बी सी पाल जैसे हिंदू विचारकों के दर्शन से हैं।

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राष्ट्र गौरव का पुनर्जागरण” विषय सुप्रसिद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का होगा व्याख्यान

श्री कुंदन लाल जैन स्मृति विचार मंच के बैनर तले आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में “राष्ट्र गौरव का पुनर्जागरण” विषय पर जैन समाज के गुरु पावन निश्रा परमपूज्य श्री विराग मुनिश्री जी, सुप्रीम कोर्ट के सुप्रिसद्ध अधिवक्ता श्री विष्णु शंकर जैन जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघचालक डॉ. पुर्णेन्दु सक्सेना जी अपना उद्बोधन देंगे।

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धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे विषयों में सभी सजग रहे : डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मध्य क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना ने कहा कि हिंदू समाज जाग गया है, जिसके कारण समाज में परिवर्तन आ रहे हैं, देश अपने पैरों पर खड़ा हो रहा है और अंदरूनी देश विरोधी शत्रु बेनकाब हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज समाज में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आ रहा है कि अंदरूनी देश विरोधी शत्रु बेनकाब हो रहे हैं। ऐसे लोग अब अर्बन नक्सल या टुकड़े-टुकड़े गैंग के नाम से पहचाने जा रहे हैं।

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