राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

futuredविश्व वार्ता

आने वाली पीढ़ी को संकट से बचाने के लिये समाज में सकारात्मक पर जोर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संवाद सत्र द्वितीय दिवस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅक्टर मोहनजी भागवत ने अपने संवाद संबोधन में दूसरे दिन पूरे विश्व को उपभोक्तावाद के नये संघर्ष से सावधान किया और आने वाली पीढ़ी को इस संकट से बचाने केलिये आत्म जाग्रति और संयम-समन्वय पर जोर दिया।

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futuredताजा खबरें

संघ का कार्य पूरे देश को संगठित करने का, देश का जिम्मा सबकी जिम्मेदारी : डा,मोहनराव भागवत

दिल्ली में आयोजित संघ शताब्दी वर्ष की व्याख्यानमाला के प्रथम दिन सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हिन्दू का अर्थ समावेश है और भारत का स्वभाव समन्वय का है। उन्होंने संघ की कार्यपद्धति, राष्ट्र की अवधारणा और समाज उत्थान पर अपने विचार रखे।

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futuredइतिहास

डॉ. हेडगेवार की दृष्टि और समाज परिवर्तन में संघ की भूमिका : संघ का सौवां वर्ष

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना से लेकर शताब्दी वर्ष तक की विचारपूर्ण, ऐतिहासिक और सामाजिक यात्रा को जानिए, जिसमें डॉ. हेडगेवार के दृष्टिकोण, संगठन की पृष्ठभूमि, प्रेरक घटनाएँ और राष्ट्रहित में संघ का योगदान शामिल है।

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futuredछत्तीसगढ

संघ का व्यापक जनसंपर्क अभियान: हर गांव-बस्ती तक पहुंचेगा शताब्दी संदेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक दिल्ली में सम्पन्न हुई। बैठक में शताब्दी वर्ष योजनाएं, हिन्दू सम्मेलन, सामाजिक सद्भाव, मणिपुर की स्थिति और प्रशिक्षण वर्गों पर विस्तार से चर्चा हुई।

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futuredसमाज

लक्ष्मीबाई केलकर : राष्ट्र निर्माण में नारीशक्ति जागरण की अग्रदूत

लक्ष्मीबाई केलकर, राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापक, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और नारी जागरण की अग्रदूत थीं। उन्होंने स्त्रियों को सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्र सेवा में संगठित कर भारत के उत्थान में अमूल्य योगदान दिया। यह लेख उनके जीवन, कार्य और विचारधारा पर विस्तृत प्रकाश डालता है।

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futuredताजा खबरें

लोकतंत्र की रक्षा हेतु आपातकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका

आपातकाल में सबसे अधिक दबाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर था। संघ पर प्रतिबंध लगा। सभी प्रमुख प्रचारक और दायित्ववान अधिकारी

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