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नाम एक चरित अनेक : कर्मा

“भक्त माता कर्मा की जीवनी भारतीय समाज में एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में स्थापित है। उनका जन्म 11वीं सदी के उत्तर प्रदेश में हुआ था, और उनका जीवन श्री कृष्ण भक्ति और समाज सेवा के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है। कर्मा माता की पूजा विशेष रूप से हिंदी भाषी क्षेत्रों, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में की जाती है, जहाँ उनके योगदान को धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। उनके जीवन की कहानियां न केवल भक्ति की, बल्कि वीरता और समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा भी देती हैं।

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चीता संरक्षण परिसर: मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी में बनने वाला अंतरराज्यीय चीता संरक्षण क्षेत्र

प्रोजेक्ट चीता की २०२३-२४ की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के जिलों को शामिल करते हुए अंतरराज्यीय चीता संरक्षण परिसर का निर्माण किया जाएगा।

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लोहा शत्रुओं ने माना और मृत्यु पर आंसू बहाए ऐसे थे महाराणा प्रताप

भगवान रामचंद्र के के वंश में अंतिम राजा सुमित्र का उल्लेख है जिसके साथ गोहिल और वंश का संबंध है। कनक सेन ने अयोध्या का राज्य छोड़कर सौराष्ट्र में सूर्य वंश की स्थापना की थी तथा इसकी राजधानी वल्लभी में थी।

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