\

मेरा रंग दे बसंती चोला : 23 मार्च शहीद दिवस

क्राँतिकारियों का पूरा जीवन राष्ट्र के स्वत्व, स्वाभिमान और साँस्कृतिक चेतना केलिये समर्पित रहा। जब ये महान क्राँतिकारी बलिदान हुये तब भगतसिंह और सुखदेव की आयु तेइस वर्ष और  राजगुरु की आयु बाईस वर्ष थी। वे इतनी कम आयु में उन्होंने क्राँति का जो उद्घोष किया, उसकी गूँज लंदन तक हुई।

Read more