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अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस 18 अप्रैल से भारत दौरे पर, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस 18 अप्रैल से भारत के दौरे पर होंगे, जहाँ वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, रक्षा और तकनीकी सहयोग पर चर्चा करेंगे। यह यात्रा ट्रंप प्रशासन के तहत भारत-अमेरिका संबंधों को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। उपराष्ट्रपति वेंस की पत्नी उषा वेंस भी इस आधिकारिक यात्रा में उनके साथ होंगी।

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भारत दबाव में आकर कोई समझौता नहीं करेगा: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने साफ किया है कि भारत किसी भी व्यापारिक समझौते में देश और जनता के हितों को सर्वोपरि रखेगा और किसी भी तरह के दबाव में निर्णय नहीं लिया जाएगा। उनका यह बयान भारत-अमेरिका व्यापार वार्ताओं के बीच आया है, जहां दोनों देश एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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अमेरिका द्वारा भारत पर 26 प्रतिशत प्रतिवादी शुल्क लगाने के बाद व्यापार मंत्रालय का बयान: ‘कोई बड़ा झटका नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के निर्यात पर 26 प्रतिशत प्रतिवादी शुल्क लगाने के बाद, भारत के व्यापार मंत्रालय ने इसे एक “मिश्रित प्रभाव” बताया और कहा कि यह भारत के लिए कोई बड़ा झटका नहीं है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए बातचीत चल रही है और यदि व्यापार संबंधी मुद्दों का समाधान होता है, तो शुल्क में कटौती की संभावना है।

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भारत पर ट्रंप का टैरिफ हमला, क्या होगा अर्थव्यवस्था का भविष्य

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज व्हाइट हाउस में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए टैरिफ नीति को लेकर अपनी योजना का खुलासा किया। इस घोषणा में उन्होंने भारत सहित कई देशों पर पारस्परिक (रेसिप्रोकल) टैरिफ लागू करने की बात कही, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।

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भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: टैरिफ विवाद और वार्ता की दिशा

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की रूपरेखा तय, टैरिफ में संभावित कटौती और नई शर्तों पर चर्चा जारी।

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वैश्विक व्यापार युद्ध में भारत के लिए अवसर और चुनौतियाँ

तीसरे, मेक इन इंडिया ट्रम्प के टैरिफ युद्ध का सही जवाब है। आज भारत को सही अर्थों में “आत्मनिर्भर भारत” बनाए जाने की सबसे अधिक आवश्यकता है। भारत के लिए केवल अमेरिका ही विदेशी व्यापार के मामले में सब कुछ नहीं होना चाहिए, भारत को अपने लिए नित नए बाजारों की तलाश भी करनी होगी। एक ही देश पर अत्यधिक निर्भरता उचित नहीं है। स्वदेशी उद्योगों को भी बढ़ावा देना ही होगा।

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