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साहित्य, इतिहास और समाज जागरण के अग्रदूत: वैद्य गुरुदत्त

वैद्य गुरुदत्त ऐसे ही निर्भीक और राष्ट्रीय अस्मिता के लिये समर्पित लेखक और इतिहासकार थे । जिनका पूरा जीवन सत्य को समर्पित रहा। समाजिक जागरण केलिये ऐसा कोई विषय नहीं जिसपर गुरुदत्त जी लेखनी न चली हो।

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय: महामना के स्वप्न की साकार प्रतिमूर्ति

यह संस्थान केवल एक विश्वविद्यालय भर नहीं अपितु भारत राष्ट्र की संपूर्णता की छविकृति है। यह महामना पंडित मदनमोहन मालवीय की उस स्वप्न छवि का साकार स्वरूप है जो उन्होंने भारत को एक गौरवमयी राष्ट्र केलिये पीढ़ी निर्माण का स्वप्न देखा था। वे बहुआयामी प्रतिभा और व्यक्तित्त्व के धनी थे। इसीलिए उन्हें “महामना” का सम्मान मिला। उनसे पहले और उनके बाद यह सम्मान किसी को न मिला।

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लंका एवं अध्योध्या के बीच भगवान श्री रामचंद्र जी की अट्ठारह दिन की यात्रा

लंका विजय के बाद रामजी को अयोध्या लौटने में पूरे बीस दिन लगे। यह अवधि अनावश्यक विलंब या अपनी विजय का उत्सव मनाने की नहीं है अपितु रामजी द्वारा पूरे भारतवर्ष और प्रत्येक समाज को समरस बनाने की अवधि है

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अयोध्या में दीपावली पर 25 लाख दीयों का विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी

अयोध्या में इस वर्ष दीपावली का त्योहार खास होने जा रहा है, जब 25 लाख से अधिक दीयों को जलाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में आयोजित होने वाले इस दीपोत्सव में 30 हजार स्वयंसेवक शामिल होंगे।

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एकात्म मानववाद और अंत्योदय के प्रणेता : पंडित दीनदयाल उपाध्याय

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन और दर्शन भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। 25 सितंबर 1916 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के एक गरीब ब्राह्मण परिवार में जन्मे पंडित जी ने अपने जीवन में सामाजिक सेवा और राष्ट्र की एकता के लिए संघर्ष किया

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सुप्रसिद्ध गौरक्षक और राम जन्मभूमि आँदोलन को जीवन समर्पित करने वाले आचार्य धर्मेंद्र का पुण्य स्मरण

आचार्य धर्मेन्द्र का जीवन केवल राजनीतिक संघर्ष तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज में स्वत्व और सांस्कृतिक गौरव की स्थापना के लिए भी अपना पूरा जीवन समर्पित किया।

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