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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का अहम निर्णय, व्यभिचार में लिप्त पत्नी को भरण-पोषण का अधिकार नहीं

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने व्यभिचार में लिप्त पत्नी को भरण-पोषण का अधिकार नहीं देने का महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया। न्यायालय ने एक महिला की पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वह अपने पूर्व पति से उच्च भरण-पोषण की मांग कर रही थी। न्यायालय का कहना था कि तलाक का आदेश यह साबित करता है कि पत्नी व्यभिचार में लिप्त थी, और इस कारण से उसे भरण-पोषण का अधिकार नहीं है।

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