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राम से बड़ा राम का नाम : संदर्भ छत्तीसगढ़

समूचा छत्तीसगढ़वासी रामनवमीं को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। इस दिन शुभ लग्न मानकर सभी शुभकार्य करते हैं। शादियां और गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य सम्पन्न होते हैं। छत्तीसगढ़ के रामरमिहा लोग अपने पूरे शरीर में राम नाम गुदवाकर श्रीराम नाम की पूजा-अर्चना करते हैं। वे निर्गुण राम को मानते हैं। उनका कहना है के राम से बड़ा राम का नाम है।

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खेलत अवधपुरी में फाग, रघुवर जनक लली

होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। भारतीय संस्कृति का अनूठा संगम उनकी त्योहारों और पर्वो में दिखाई देता है। इन पर्वो में न जात होती है न पात, राजा और रंक सभी एक होकर इन त्योहारों को मनाते हैं। सारी कटुता को भूलकर अनुराग भरे माधुर्य से इसे मनाते हैं। इसीलिए होली को एकता, समन्वय और सदभावना का राष्ट्रीय पर्व कहा जाता है।

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देवगणों के जागने का पर्व मकर संक्रांति एवं गंगा सागर तीर्थ

राजा भगीरथ ने अपने पितरों का गंगाजल, अक्षत और तिल से श्राद्ध-तर्पण किया था जिससे उनके पितरों को प्रेतयोनि से मुक्ति मिली थी। तब से मकर संक्रांति स्नान, मकर संक्रांति श्राद्ध-तर्पण और दान आदि की परंपरा प्रचलित है।

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पंडित मालिकराम भोगहा का साहित्यिक अवदान

उड़िया कवि सरलादास ने 14 वीं शताब्दी में लिखा था कि भगवान जगन्नाथ को शबरीनारायण से पुरी ले जाया गया है। यहां भगवान नारायण गुप्त रूप से विराजमान हैं और प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा को सशरीर विराजते हैं। इस दिन उनका दर्शन मोक्षदायी होता है।

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छत्तीसगढ़ में दशहरा मनाने की अद्भूत परम्परा

रायगढ़ में मथुरा की नाटक मंडली आकर रामलीला का मंचन करती थी। छत्तीसगढ़ में रामलीला के लिए अकलतरा और कोसा बहुत प्रसिद्ध था। इसी प्रकार रासलीला के लिए नरियरा और नाटक के लिए शिवरीनारायण बहुत प्रसिद्ध था। टी.बी. की चकाचैंध ने रामलीला, रासलीला और नाटकों के मंचन को प्रभावित ही नहीं किया बल्कि समाप्त ही कर दिया है। यह एक विचारणीय प्रश्न है।

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शक्ति उपासना का पर्व नवरात्र

छत्तीसगढ़ में शिवोपासना के साथ शक्ति उपासना प्राचीन काल से प्रचलित है। कदाचित इसी कारण शिव भी शक्ति के बिना शव या निष्क्रिय बताये गये हैं। योनि पट्ट पर स्थापित शिवलिंग और अर्द्धनारीश्वर स्वरूप की कल्पना वास्तव में शिव-शक्ति या प्रकृति-पुरूष के समन्वय का परिचायक है।

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