प्रो अश्विनी केशरवानी

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छत्तीसगढ़ में लोकनाट्य, रासलीला और श्रीकृष्ण भक्ति की सांस्कृतिक परंपरा : जनमाष्टमी विशेष

छत्तीसगढ़ में लोकनाट्य, रासलीला और श्रीकृष्ण भक्ति की परंपरा का इतिहास, प्रमुख कलाकारों का योगदान और सांस्कृतिक महत्व का विस्तृत विवरण।

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प्रकृति और लोक जीवन का संगम : लोक पर्व भोजली

भोजली त्योहार 2025: छत्तीसगढ़ का पारंपरिक लोकपर्व, प्रकृति देवी की आराधना, धान की फसल, और मैत्री का प्रतीक, जिसमें बालिकाएं भोजली गीत गाती हैं।

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जानिए रक्षा बंधन की शुरुवात कहां से हुई : विशेष आलेख

रक्षा बंधन 2025: भाई-बहन के अटूट रिश्ते और शक्ति का प्रतीक, इस त्यौहार की ऐतिहासिक उत्पत्ति, सांस्कृतिक परंपराएं, और धागे के पवित्र बंधन की कहानी।

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छत्तीसगढ़ की प्राचीन शैव परंपरा और प्रमुख शिवालय

छत्तीसगढ़ में प्राचीन शैव परंपरा और शिव मंदिरों की भव्यता का गहन अध्ययन, जिसमें लक्ष्मणेश्वर, कालेश्वर, पातालेश्वर जैसे ऐतिहासिक शिवालयों का सांस्कृतिक व आध्यात्मिक महत्व उजागर किया गया है।

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राम से बड़ा राम का नाम : संदर्भ छत्तीसगढ़

समूचा छत्तीसगढ़वासी रामनवमीं को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। इस दिन शुभ लग्न मानकर सभी शुभकार्य करते हैं। शादियां और गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य सम्पन्न होते हैं। छत्तीसगढ़ के रामरमिहा लोग अपने पूरे शरीर में राम नाम गुदवाकर श्रीराम नाम की पूजा-अर्चना करते हैं। वे निर्गुण राम को मानते हैं। उनका कहना है के राम से बड़ा राम का नाम है।

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खेलत अवधपुरी में फाग, रघुवर जनक लली

होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। भारतीय संस्कृति का अनूठा संगम उनकी त्योहारों और पर्वो में दिखाई देता है। इन पर्वो में न जात होती है न पात, राजा और रंक सभी एक होकर इन त्योहारों को मनाते हैं। सारी कटुता को भूलकर अनुराग भरे माधुर्य से इसे मनाते हैं। इसीलिए होली को एकता, समन्वय और सदभावना का राष्ट्रीय पर्व कहा जाता है।

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