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भारतीय ऋषी परंपरा और शिक्षा संस्कृति पुस्तक का लोकापर्ण एवं काव्य गोष्ठी

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. शुभदा पांडेय और प्रा. दिनेश चंद्र शर्मा ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पण कर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट शिक्षक ही श्रेष्ठ शिष्य के निर्माता होता हैं। हमारी प्राचीन शिक्षा रोजगार नहीं परोपकार से अपनी पाठशाला आरंभ करती थी।

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