धर्म, बलिदान और वीरता के प्रतीक : गुरु गोविंद सिंह
गुरु गोविंद सिंह का जीवन धर्म, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्षों से भरा था। उन्होंने मुगल शासकों और स्थानीय शासकों के अत्याचारों के खिलाफ सिख समुदाय को संगठित किया।
Read moreगुरु गोविंद सिंह का जीवन धर्म, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्षों से भरा था। उन्होंने मुगल शासकों और स्थानीय शासकों के अत्याचारों के खिलाफ सिख समुदाय को संगठित किया।
Read moreसनातन संस्कृति, राष्ट्र और परंपराओं की रक्षा केलिये भारत में असंख्य बलिदान हुये हैं। इनमें कुछ परिवारों की तो पीढ़ियों का बलिदान हुआ। इसमें गुरु गोविन्दसिंह की वंश परंपरा भी है जिनकी पीढियों का बलिदान इतिहास पन्नों में दर्ज है। दिसम्बर के अंतिम सप्ताह गुरु गोविन्द सिंह के चारों पुत्रों को दी गई क्रूरतम यातनाएँ और उनका बलिदान का विवरण आज भी रोंगटे खड़े कर देता है।
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