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ग्रामीण अंचल में सुआ नृत्य बना जनजागरूकता का माध्यम सुशासन तिहार- 2025

ग्राम पंचायत कुसमी में बिहान की महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा सुवा गीत व नृत्य के माध्यम से सुशासन तिहार को लोगों तक पहुंचाया। छत्तीसगढ़ में पारंपरिक लोक नृत्यों में पंथी, राउत नाचा, कर्मा,पंडवानी,सुवा,सैला, गेंड़ी आदि शामिल हैं।

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नाम एक चरित अनेक : कर्मा

“भक्त माता कर्मा की जीवनी भारतीय समाज में एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में स्थापित है। उनका जन्म 11वीं सदी के उत्तर प्रदेश में हुआ था, और उनका जीवन श्री कृष्ण भक्ति और समाज सेवा के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है। कर्मा माता की पूजा विशेष रूप से हिंदी भाषी क्षेत्रों, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में की जाती है, जहाँ उनके योगदान को धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। उनके जीवन की कहानियां न केवल भक्ति की, बल्कि वीरता और समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा भी देती हैं।

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