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अत्याचार के विरुद्ध अद्वितीय साहस का प्रतीक गुरु तेगबहादुर

गुरु तेगबहादुर का बलिदान भारतीय इतिहास कभी नहीं भूलेगा, उनका बलिदान अत्याचार के विरुद्ध डटकर मुकाबला करने का प्रेरणा देता है। जब धर्म पर बात आए तो क्रूर शासक से भी समझौता नहीं किया जा सकता चाहे अपने प्राणों का बलिदान ही क्यों न करना पड़े।

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नागपुर में हिंसक झड़पों के बाद देवेंद्र फडणवीस ने इसे साजिश बताया, कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर हिंसा को सुनियोजित साजिश बताया, जिसमें अफवाह फैलने के बाद पुलिस पर हमला किया गया। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रतीकात्मक कब्र को जलाने की अफवाह ने हिंसा को जन्म दिया।

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अमर शौर्य और त्याग की गाथा : संभाजी महाराज

क्रूरतम यातनाओं का क्रम सम्भाजी के साथ चला। यह सब कोई 38 दिन चला। उन्हे उल्टा लटका कर पिटाई की गई, आँखे निकालीं गई, चीरा लगाकर नमक लगाया गया, जिव्हा काटी गई। और अंत में एक एक अंग काटकर तुलापुर नदी में फेक दिया गया।

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योगी आदित्यनाथ ने अबू आजमी के बयान पर कसा तंज, समाजवादी पार्टी को खंडन करने की दी सलाह

उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी द्वारा औरंगजेब को आदर्श मानने वाले बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस बयान का खंडन करने की अपील की और कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो उन्हें उत्तर प्रदेश बुलाकर उनका इलाज किया जाएगा।

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महाराष्ट्र विधानसभा में अबू आज़मी का निलंबन, औरंगजेब पर टिप्पणी को लेकर विवाद गहरा

महाराष्ट्र विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी को उनके मुग़ल सम्राट औरंगजेब पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद निलंबित कर दिया गया।

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जिन्हें जिन्दा कोल्हू में पीसा था औरंगजेब के किलेदार ने..

कुछ विद्वानों का मानना है कि बाबा मोतीराम मेहरा और उनके परिवार को 30 दिसम्बर 1704 को पकड़ा गया और एक जनवरी 1705 को कोल्हू में पीसा गया। जबकि कुछ का मानना है कि 30 दिसंबर को वजीर खान को खबर लगी, 31 दिसम्बर को परिवार सहित पकड़ कर लाया गया, एक जनवरी को पेशी हुई और तीन जनवरी 1705 को कोल्हू में पीसा गया।

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