आचार्य ललित मुनि

futuredविश्व वार्ता

राष्ट्रवादी नायक नरेंद्र मोदी और लोकप्रियता का तिलस्म

जब भी हम नरेंद्र मोदी का नाम लेते हैं तो मन के साथ तन में भी एक लहर उठती है, एक तरंग उठती है, यह तरंग राष्ट्रवाद की है। यह तरंग केवल भारत की सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि महाद्वीपों और महासागरों को पार कर दुनिया के कोने-कोने तक फैली हुई है।

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futuredसम्पादकीय

नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का तिलस्म और भारत की सुदृढ़ होती वैश्विक छवि

नरेंद्र मोदी के तिलस्म पर आधारित आलेख, जिसमें उनके संघर्ष, विकास योजनाएँ, करिश्माई संचार, राष्ट्रवाद और वैश्विक लोकप्रियता के रहस्य का विश्लेषण किया गया है।

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futuredधर्म-अध्यात्म

प्रकृति संरक्षण के वैदिक सूत्र और ओजोन परत रक्षण

वैदिक ऋषियों के श्लोकों में प्रकृति संरक्षण और ओजोन परत जैसी सुरक्षा अवधारणा का उल्लेख मिलता है। जानें कैसे प्राचीन वैदिक सूत्र आधुनिक पर्यावरण संतुलन से जुड़े हैं।

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futuredराजनीतिसम्पादकीय

भारत में लोकतंत्र की जड़ें पाताल से भी गहरी : अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस

भारत में लोकतंत्र की जड़ें हड़प्पा सभ्यता, वैदिक सभा-समिति, गणराज्यों और बौद्ध संघों से लेकर संविधान तक फैली हैं। जानिए क्यों भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है।

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futuredसम्पादकीय

सीमाओं से परे बहती हिन्दी भाषा की धारा : हिन्दी दिवस विशेष

आलेख प्रवासी भारतीयों के अनुभवों और गिरमिटिया मजदूरों द्वारा दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हिंदी के प्रसार को भी उजागर करता है। फिजी, मॉरीशस, सूरीनाम, त्रिनिदाद, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और खाड़ी देशों में हिंदी कैसे पहचान और जुड़ाव का माध्यम बनी, इसका उल्लेख इसमें विस्तार से किया गया है।

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futuredधर्म-अध्यात्म

श्रद्धा, विज्ञान और मनोविज्ञान का अनूठा संगम : पितृ पक्ष

पितृ पक्ष केवल धार्मिक रीति नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह पूर्वजों की स्मृति और भावनात्मक संतुलन का पर्व है। आज की भागदौड़ भरी दुनिया में पितृ पक्ष हमें ठहरकर सोचने, अपनी जड़ों से जुड़ने और जीवन की क्षणभंगुरता को समझने का अवसर देता है।

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