आचार्य ललित मुनि

futuredइतिहास

एक ऐसी प्राचीन पुस्तक जिसे आज तक कोई पढ़ नहीं पाया

मानव सभ्यता के इतिहास में ऐसे अनेक रहस्य हैं, जिनके उत्तर आज तक हमें नहीं मिल पाए। यह रहस्य कभी पत्थरों पर खुदे संकेतों में छिपे होते हैं, तो कभी ऐसी पांडुलिपियों में, जिन्हें पढ़ने-समझने का प्रयास आज तक चल ही रहा है। ऐसी ही एक रहस्यमयी पांडुलिपि (पुस्तक) है

Read More
futuredधर्म-अध्यात्म

आस्था, प्रकृति और जैवविविधता संरक्षण का पर्व : वट सावित्री व्रत

जैवविविधता के पोषण की दृष्टि से भी वट वृक्ष अत्यंत उपयोगी है। इसकी शाखाओं में कई प्रकार के पक्षी घोंसले बनाते हैं और इसके फल, पत्तियाँ तथा गोंद अनेक कीट-पतंगों और मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं।

Read More
futuredधर्म-अध्यात्म

कठोपनिषद में यम और नचिकेता का संवाद

कठोपनिषद भारतीय दर्शन की एक अत्यंत गूढ़ और प्रेरणादायक रचना है, जिसमें यमराज और बालक नचिकेता के बीच हुआ संवाद आत्मा, मृत्यु, मोक्ष और ब्रह्मविद्या जैसे गंभीर विषयों पर प्रकाश डालता है।

Read More
futuredखेत-खलिहानपॉजिटिव स्टोरी

लोक परंपराओं से जैव विविधता का संबंध एवं सह अस्तित्व

प्रकृति एक जटिल और सुंदर ताना-बाना है, जिसमें वन्यजीव और पारिस्थितिकी तंत्र एक-दूसरे के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। वन्यजीव, जिसमें स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप, उभयचर, मछलियाँ, कीट और अन्य जीव शामिल हैं, पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग हैं।

Read More
futuredसम्पादकीय

भारतीय सेना के पराक्रम से घुटनों पर पाकिस्तान

पहलगाम आतंकवादी घटना के बाद पाकिस्तान से बदला लेने के लिए पूरे देश में आक्रोश भर गया और सरकार पर बदला लेने के लिए दबाव बन रहा था। इस दबाव को बनाने में कांग्रेस एवं वामपंथी सहयोग कर रहे थे। उन्होंने आतंकवादी घटना का बदला लेने के लिए सरकार को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की, क्योंकि राष्ट्र की जनभावनाओं के विरोध में तो नहीं जा सकते थे।

Read More
futuredविश्व वार्ता

सोशल मीडिया बनाम परम्परागत पत्रकारिता: चुनौतियाँ और संभावनाएँ

आधुनिक युग में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के तीव्र विकास ने समाज के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है, और पत्रकारिता भी इससे अछूती नहीं रही। परम्परागत पत्रकारिता, जो कभी समाचार पत्रों, रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से जनता तक सूचनाएँ पहुँचाने का प्रमुख साधन थी, अब सोशल मीडिया के उदय के साथ नई चुनौतियों का सामना कर रही है।

Read More