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उलगुलान से उपजी सांस्कृतिक चेतना : वीर बिरसा मुंडा

वीर बिरसा मुंडा केवल एक क्रांतिकारी नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत थे। उन्होंने ‘उलगुलान’ के माध्यम से जनजातीय समाज को संगठित किया, धर्मांतरण के षड्यंत्रों का विरोध किया और भारतीय संस्कृति की मूल चेतना को पुनर्जीवित किया। यह आलेख आर्य-अनार्य सिद्धांत की सच्चाई और बिरसा के हिंदुत्वनिष्ठ आंदोलन को उजागर करता है।

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futuredहमारे नायक

हिंदुत्व और सांस्कृतिक चेतना के अद्वितीय वाहक : आचार्य धर्मेन्द्र

द्भुत वक्ता, गौरक्षा आंदोलन के नेता, विश्व हिंदु परिषद से जुड़े महान संत जिन्होंने अपना पूरा जीवन हिंदुत्व, संस्कृति और समाज की सेवा को समर्पित किया।

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futuredविश्व वार्ता

‘भगवा आतंकवाद’ शब्द को गढ़ने वाले अब क्षमा मांगें

“भगवा आतंकवाद” शब्द की वैचारिक उत्पत्ति, राजनीतिक प्रयोजन, और मालेगांव केस में न्यायिक निर्णय की पृष्ठभूमि पर आधारित डॉ. प्रवीण गुगनानी का विश्लेषणात्मक आलेख।

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futuredखबर राज्यों सेताजा खबरें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ‘भारत’ को प्राथमिकता देने की अपील: ‘इंडिया’ नहीं, केवल ‘भारत’ होना चाहिए देश का नाम

RSS ने देश के नाम को लेकर फिर से बहस छेड़ी है, जिसमें महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश का नाम ‘भारत’ होना चाहिए, न कि ‘इंडिया’। उनका तर्क है कि भारतीय भाषाओं में इसे ‘भारत’ ही कहा जाता है, और यह नाम संविधान में भी उल्लेखित है। उन्होंने कहा कि ‘भारत’ को ही राष्ट्रीय पहचान के रूप में अपनाना चाहिए।

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futuredहमारे नायक

सुप्रसिद्ध गौरक्षक और राम जन्मभूमि आँदोलन को जीवन समर्पित करने वाले आचार्य धर्मेंद्र का पुण्य स्मरण

आचार्य धर्मेन्द्र का जीवन केवल राजनीतिक संघर्ष तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज में स्वत्व और सांस्कृतिक गौरव की स्थापना के लिए भी अपना पूरा जीवन समर्पित किया।

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