हिंदी साहित्य

futuredपुस्तक समीक्षा

शेष कथा: महाभारत के पात्रों के मनोविज्ञान और दर्शन का गहन विश्लेषण

‘शेष कथा’ कवयित्री जया गुप्ता द्वारा रचित एक प्रबंध काव्य है, जो महाभारत के पात्रों के भीतर चल रहे गहन अंतर्द्वंद्वों और दर्शन को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। युधिष्ठिर, भीष्म और द्रौपदी जैसे पात्रों को उन्होंने जिस संवेदनशीलता और प्रमाणिकता से उकेरा है, वह इस रचना को एक अलग ही ऊँचाई पर ले जाता है। दर्शन और मनोविज्ञान के स्तर पर यह कृति समकालीन साहित्य में एक उल्लेखनीय योगदान है।

Read More
futuredहमारे नायक

जेल से जनमानस तक रामवृक्ष बेनीपुरी की साहित्यिक यात्रा

रामवृक्ष जी महान् विचारक, चिन्तक, क्राँतिकारी,  साहित्यकार और पत्रकार थे। उनकी हर रचना में देश प्रेम और समाज को विसंगतियों से मुक्ति का संदेश होता था। उनके दो प्रमुख उपन्यास “पतितों के देश में” और “आम्रपाली” बहुत मशहूर हुये तो “माटी की मूरतें” कहानी संग्रह तथा चिता के फूल, लाल तारा, कैदी की पत्नी, गेहूँ और गुलाब, जंजीरें और दीवारें भी उल्लेखनीय रहे।

Read More
futuredसाहित्य

प्राचीन छत्तीसगढ़ के रचयिता प्यारेलाल गुप्त की साहित्य साधना

रविशकर वि”वविद्यालय रायपुर से सन् 1973 में प्रकाशित इस ग्रंथ में प्रागैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक युग के पूर्व तक का श्रृंखलाबद्ध इतिहास है। इस ग्रंथ में न केवल प्राचीन छत्तीसगढ़ का इतिहास बल्कि सांस्कृतिक परम्पराओं, लोक कथाओं, पुरातत्व और साहित्य का उल्लेख है। इस ग्रंथ को ‘छत्तीसगढ़ का इनसाइक्लोपीडिया‘ माना जा सकता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की पदयात्रा करके इस ग्रंथ के लिए सामग्री जुटायी थी।

Read More
futuredधर्म-अध्यात्म

रामचरितमानस का नैतिक और सामाजिक प्रभाव

तुलसीदास की रचनाओं का भारतीय जनमानस पर व्यापक प्रभाव पड़ा। रामचरितमानस का भारतीय जनमानस पर अत्यधिक गहरा और व्यापक प्रभाव पड़ा है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित यह महाकाव्य न केवल धार्मिक ग्रंथ के रूप में पूजनीय है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, समाज और जीवन दर्शन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ भी है।

Read More